साक्षी महाराज ने यह भी कह दिया कि वह उन्नाव के अलावा किसी और सीट से चुनाव नहीं लडऩा चाहते हैं। 2014 चुनाव नतीजों के आंकड़े बताते हुए साक्षी महाराज ने लिखा कि उन्होंने तीन लाख पंद्रह हजार मतों से जीत दर्ज की थी और सपा व बसपा उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। महाराज ने कहा कि इस बार यह सीट सपा के खाते में गई है, जिससे अरुण कुमार शुक्ला या किसी दूसरे ब्राह्मण उम्मीदवार के चुनाव लडऩे की संभावना है। खुद को उन्नाव जिले का इकलौता ओबीसी नेता बताते हुए साक्षी महाराज ने संसदीय क्षेत्र में अपने समाज के वोटरों की संख्या भी गिनाई और खुद को जीत का सबसे प्रबल उम्मीदवार बताया। साक्षी महाराज का यह पत्र उन चर्चाओं के बीच सामने आया है, जिसमें ये कहा जा रहा है कि भाजपा यूपी में दो दर्जन से ज्यादा सांसदों के टिकट काट सकती है।
श्यामाचरण गुप्ता के बेटे की धमकी
इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से सांसद श्यामाचरण गुप्त के बेटे विदुप अग्रहरि इसी सीट से निर्दलीय लोकसभा चुनाव मैदान में उतरेंगे। उन्होंने प्रेसवार्ता में इसकी घोषणा की। एक समाचार पत्र का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उनके पिता को दोबारा भाजपा से टिकट मिलना नामुमकिन दिखाई दे रहा है। ऐसे में पार्टी से उन्हें टिकट नहीं मिला तो वह स्वतंत्र चुनाव लड़ेंगे।
विदुप ने दावा किया कि उनके पिता की निष्ठा, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा पर कभी कोई उंगली नहीं उठी। उन्होंने पूरा कार्यकाल क्षेत्र के विकास में लगाया। उस विकास की गति को आगे बढ़ाने में मैं सहायक होना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि वह पिता के हर चुनाव में बराबर सहभागी रहे। उसी अनुभव के आधार पर वह अलग राजनीतिक सफर शुरू कर रहे हैं। पिता-पुत्र के एक ही सीट पर चुनाव लडऩे के सवाल पर कहा कि अगर पिता यहां से खड़े हुए तो वह बांदा से लड़ेंगे, लेकिन दोनों के राजनीतिक सफर अब अलग हो गए।
इस पूरे मामले में भाजपा सांसद श्यामाचरण गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने पुत्र की बगावत की किसी खबर की जानकारी से इनकार कर दिया, सांसद ने तर्क दिया कि बेटा फार्म हाउस में रहता है। इलाहाबाद से भाजपा सांसद श्यामाचरण गुप्ता बीते पांच वर्ष तक पार्टी से अलग राय रखने के कारण विख्यात थे। चुनाव की बेला में उनके पुत्र विदुप अग्रहरि ने इस आशंका में पिता की ही सीट पर ही निर्दलीय चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया है।