फर्रुखाबाद:(दीपक शुक्ला) आज की आधुनिक जीवन शैली में मधुमेह एक बड़ी समस्या बन चुकी है। लेकिन योगासनों व कई उपायों के माध्यम से इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। इस गम्भीर बीमारी पर नगर के बढ़पुर स्थित सिटी अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक विपुल अग्रवाल से जेएनआई टीम ने मधुमेह रोग के विषय में विस्तार से बात की और जानने की कोशिश की आखिर मधुमेह का कारण,लक्षण और बचाव क्या है| डॉ० विपुल अग्रवाल ने जेएनआई से हैलो डाक्टर कार्यक्रम में बातचीत करते हुए बताया कि तेजी से बदलती जीवनशैली, तनाव, डिप्रेशन और चिंता ने तमाम बीमारियों को जन्म दिया है और उन्ही में से एक गंभीर बीमारी है मधुमेह या आम भाषा में शुगर की बीमारी भी कहा जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है जो सिर्फ बड़ों को ही नहीं बच्चों को भी तेजी से अपना शिकार बना रही है।
मधुमेह रोग आखिर है क्या
जब हमारे शरीर की (अग्न्याशय) में इंसुलिन का स्त्राव कम हो जाने के कारण खून में ग्लूकोज स्तर समान्य से अधिक बढ़ जाता है तो उस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन एक हॉर्मोन है जो पाचक ग्रन्थि द्वारा बनता है और जिसकी जरूरत भोजन को एनर्जी बदलने में होती है। इस हार्मोन के बिना हमारा शरीर शुगर की मात्रा को कंट्रोल नहीं कर पाता है। इस स्थिति में हमारे शरीर को भोजन से ऊर्जा लेने में काफी कठिनाई होती है। जब ग्लूकोज का बढ़ा हुआ लेवल हमारे रक्त में लगातार बना रहता है तो यह शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है जिसमें आंखें, मस्तिष्क, हृदय, धमनियां और गुर्दे प्रमुख हैं।
मधुमेह रोग कितने प्रकार का होता है?
पहले प्रकार का मधुमेह: डॉ० विपुल अग्रवाल ने बताया की इस प्रकार की डायबिटीज ज्यादातर छोटे बच्चों या 20 साल से कम उम्र के लोगों में पाई जाती है। जब हमारी (अग्न्याशय) इंसुलिन नहीं बना पाती तब टाइप 1 डायबिटीज की शुरुआत होती है। इसमें रोगी को अपने खून में ग्लूकोज का लेवल नॉर्मल बनाए रखने के लिए समय-समय पर इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं।
दूसरे प्रकार का मधुमेह: दूसरे प्रकार का मधुमेह शरीर के अन्दर इन्सुलिन का निर्माण तो होता है पर वह शरीर की आवश्यकता के अनुसार नहीं होता। दुनिया भर में सबसे ज्यादा लोग इसी प्रकार के मधुमेह से पीड़ित हैं। यह अनुवांशिक भी हो सकती है और मोटापे के कारण भी।
मधुमेह बीमारी के लक्षण क्या-क्या है?
बार-बार पेशाब का आना,आंखों की रोशनी कम होना,ज्यादा प्यास लगना,कमजोरी महसूस होना,कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना
रोगी के हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म,स्किन पर बार बार इन्फेक्शन होना और बार-बर फोड़े-फुंसियां निकलना,
भूख ज्यादा लगना,ज्यादा खाना खाने के बाद भी रोगी का भार कम होना,चक्कर आना और हृदय गति अनियमित होने का खतरा
किडनी खराब होना आदि है|
मधुमेह (डायबिटीज) के कारण क्या-क्या है?
अनुवांशिक:डायबिटीज एक अनुवांशिक रोग है यानी अगर किसी के माता पिता को डायबिटीज है तो उनके बच्चों को भी मधुमेह होने की सम्भावना ज्यादा होती है।
खान पान और मोटापा: – जंक फ़ूड या फास्ट फूड खाने वाले लोगों में मधुमेह की सम्भावना ज्यादा पाई जाती है क्योकि इस तरह के खाने में वसा ज्यादा पाया जाता है जिससे शरीर में कैलोरीज की मात्रा जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है और मोटापा बढ़ता है। इसके कारण इन्सुलिन उस मात्रा में नहीं बन पाता जिससे शरीर में शुगर लेवल में बढ़ोतरी होती है।
ज्यादा शारीरिक श्रम न करना,मानसिक तनाव और डिप्रेशन,गर्भावस्थाज्यादा दवाइयों के सेवन,ज्यादा चाय, दूध, कोल्ड ड्रिंक्स और चीनी वाले खाने के सेवन धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन आदि प्रमुख रूप से कारण है|
मधुमेह का उपचार कैसे किया जा सकता है?
मधुमेह रोगी में आंखें कमजोर होने की आशंका लगातार बनी रहती है। यदि आप चाहते हैं कि मधुमेह के दौरान आपकी आंखों पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े तो आपको गाजर-पालक का रस मिलाकर पीना चाहिए। इससे आंखों की कमजोरी दूर होती है।
मधुमेह के रोगी को तौरी, लौकी, परमल, पालक, पपीता आदि का सेवन अधिक से अधिक मात्रा में करना चाहिए।
डॉ० विपुल अग्रवाल ने बताया कि शलगम के सेवन से भी रक्त में स्थित शर्करा की मात्रा कम हो जाती है। शलगम को न सिर्फ आप सलाद के जरिए बल्कि शलगम की सब्जी, परांठे आदि चीजों के रूप में भी ले सकते हैं। जामुन मधुमेह रोगियों के लिए रामबाण है। मधुमेह रोगियों को जामुन को अधिक से अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए। जामुन की छाल, रस और गूदा सभी मधुमेह के दौरान बेहद फायदेमंद हैं।
जामुन की गुठली को बारीक चूर्ण बनाकर रख लेना चाहिए। दिन में दो-तीन बार, तीन ग्राम की मात्रा में पानी के साथ सेवन करने से मूत्र में शुगर की मात्रा कम होती है। यानी सिर्फ जामुन ही नहीं बल्कि जामुन की गुठली,सेब,पपीता,अमरुद भी मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है।
करेले का कड़वा रस मधुमेह रोगियों में शुगर की मात्रा कम करता है। मधुमेह के रोगी को इसका रस रोज पीना चाहिए। शोधों में भी साबित हो चुका है कि उबले करेले का पानी, मधुमेह को जल्दी ही दूर करने की क्षमता रखता है।
मेथी दानों का चूर्ण बनाकर प्रतिदिन खाली पेट दो चम्मच चूर्ण पानी के साथ लेना चाहिए। ये मधुमेह रोगियों के लिए बहुत लाभाकरी है।शुगर कम करने का उपाय है त्रिफला एक गिलास गरम पानी के साथ एक चम्मच पाउडर का सेवन करें। समय-समय पर चिकित्सक से सम्पर्क करते रहे| जिससे बीमारी के स्तर का पता भी चलता रहेगा|
आपका शुगर लेवल 70 से 110 मिलीग्राम होनी चाहिए|
अगर आपका शुगर लेवल 110 से 125 के बीच है तो भी घबराने की बात नहीं है क्यूंकि यह अभी शुगर की शुरुआत है और इसे आपको गंभीरता से लेना चाहिए और तुंरत डॉक्टर से मिलकर डाइट प्लान बनायें| अगर 125 से ज्यादा शुगर लेवल है तो आपको दवाइयों का सेवन करना पड़ेगा| जब शुगर लेवल 200 मिलीग्राम से ऊपर चला जाता है तो आपके पेशाब में शुगर आने लगती है|
सहयोग:प्रमोद द्विवेदी नगर प्रतिनिधि