Monday, December 23, 2024
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काल खंड में रहेंगे अटल बिहारी वाजपेयी:सीएम योगी

लखनऊ:पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर आज देश उनको नमन कर रहा है। लखनऊ में लोक भवन में आज राज्यपाल राम नाईक के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ, गृह मंत्री राजनाथ सिंह व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने उनको याद किया।
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती के अवसर पर लोक भवन में ‘महानायक अटल’ विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा तथा महापौर संयुक्ता भाटिया व अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अटल जी ने सुशासन की नींव रखी थी। अटल जी ने देश के लिए काम किया था। अटल जी आने वाले कालखंड में रहेंगे। उन्होंने कहा कि अटल जी ने बीपीएल व एपीएल राशन कार्ड शुरु किया। उनकी योजना के कारण ही देश में खाने का संकट नहीं है। देश में 90 के दशक में खाने का संकट था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तर प्रदेश से अटूट संबंध था।
सार्वजनिक जीवन की शुरूआत उन्होंने उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जनपद से किया तथा पांच बार लखनऊ से सांसद रहे। सुशासन के आधार नींव थे अटल जी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं श्यामा प्रसाद मुखर्जी से उन्होंने राजनीति के गुण सीखें तथा राजनीति में विश्वास के प्रतीक बनें। अटल जी को अनेक पदों पर रहते हुए जो सम्मान प्राप्त हुआ वह अद्भुत है। वे लम्बे समय तक लोकतंत्र के सजग प्रहरी के रूप में काम करते रहे जो प्रत्येक जनप्रतिनिधियों के लिये अनुकरणीय है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अटल जी लखनऊ से सांसद रहे थे। वह सही मायने में देश के नेता थे। वह सदैव लोगों के जेहन में रहेंगे। अटल जी सभी तबके के नेता थे। बलरामपुर से अटल जी ने सांसद का चुनाव जीतने की शुरुआत की। अटल जी का यूपी से अटूट सम्बंध रहा। हर वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलने की कला उनके भीतर थी। उन्होंने बताया कि अटल जी की स्मृति में कई योजनाओं का शुभारम्भ किया गया है तथा लोक भवन में उनकी 25 फुट ऊंची प्रतिमा भी स्थापित की जायेगी। सरकार उनके नाम पर चल रही योजनाओं को वरीयता पर पूर्ण करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार इसी क्रम में आयुष्मान भारत व पेंशन सुविधा का लाभ सभी वंचित पात्र लोगों को दिलायेगी।हमारा अटल जी को कोटि-कोटि नमन।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि यह सुखद संयोग है कि ईसाई धर्म के संस्थापक प्रभु ईशा मसीह, महामना मदन मोहन मालवीय तथा अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्मतिथि एक ही है। उन्होंने कहा कि मैं ऐसे सभी महान व्यक्तियों को अपनी ओर से तथा प्रदेश की जनता की ओर से नमन करता हूं। राज्यपाल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति के महानायक तथा देश के सर्वमान्य नेता थे। दल के लोग उनकी प्रशंसा करें तो स्वाभाविक है पर अटल जी की स्तुति विपक्षी दल के नेता भी करते हैं। उन्होंने कहा कि अटल जी में सबको साथ लेकर चलने की विशेषता थी तथा उन्होंने देश को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाया। राज्यपाल ने कहा अटल जी ऐसे पूर्व प्रधानमंत्री थे जिन्होंने लखनऊ से सांसद रहते हुए भी अपना निजी आवास नहीं बनाया। राज्यपाल नाईक ने कहा कि अटल जी विलक्षण प्रतिभा के मालिक थे। अटल जी के साथ संगठन और सरकार में काम करने का अवसर मिला।
राज्यपाल ने कहा कि अटल जी कार्यकर्ताओं से बड़ी आत्मियता और स्नेह से मिलते थे। राज्यपाल ने बताया कि 1994 में जब उन्हें कैंसर हुआ तब लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक थे। उन्होंने त्यागपत्र देने की बात कही तो अटल जी ने कहा कि त्यागपत्र मैं अपने पास रखता हूं पर आप जल्दी ही वापस आने वाले हैं। उन्होंने लगातार उत्साहवर्धन किया तथा स्वास्थ्य की जानकारी लेने स्वयं मेरे निवास पर आये। कारगिल युद्ध में शहीदों के परिजनों को पेट्रोल पम्प और गैस एजेन्सी देने के प्रस्ताव को अटल जी ने सहजता से स्वीकार किया। अटल जी के जीवन से प्रेरणा लेकर उनके रास्ते पर चलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अटल जी जैसा बड़ा नेता मुश्किल से मिलता है।
केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अटल जी भारत के विलक्षण व्यक्ति थे। सार्वजनिक जीवन में रहते हुए व्यवहार, आचरण और कार्यशैली अटल जी से सीखने की जरूरत है। अटल जी की नाराजगी भी स्नेहिल होती थी। कूटनीति के मैदान के साथ-साथ युद्ध के मैदान में भी उन्होनें विजय प्राप्त की। अटल जी के सान्निध्य में जाने पर दलों के बंधन भी टूट जाते थे। उन्होंने कहा कि अटल जी जैसा नेता बिरले ही मिलते हैं।
गृहमंत्री ने स्वर्गीय अटल जी से जुड़े कई संस्मरणों को साझा किया। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश के साथ प्रदेश का हर व्यक्ति अटल जी के व्यक्तित्व से परिचित था। वह तो राजनीति के विलक्षण व्यक्तित्व थे। भारत के बेहद विलक्षण व्यक्तित्व थे। राजनाथ ने कहा कि लंबे समय तक पास में रहकर काम करने का अवसर मिला। इस दौरान राजनाथ कुछ भावुक हो गए तो माहौल को हल्का करने के प्रयास में कहा कि मैं शाकाहारी हूं तो अटल जी कहते थे कि कैसे ठाकुर हो कि वेज खाने को अपना लिया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि देश ने कारगिल युद्ध को उनके कुशल नेतृत्व में जीता था। उनकी बेहद कुटनीतिक चाल से भारत ने कारगिल युद्ध में बड़ी विजय हासिल की। बेहद मुश्किल जंग को उनके ही दम पर हमने आसान बना लिया। उन्होंने कहा कि अटलजी जैसा राजनेता कोई नहीं है। उनके जैसा न कोई था और ना ही कोई होगा।
विधानसभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि अटल जी प्रिय और अप्रिय से सर्वथा मुक्त व्यक्तित्व के मालिक थे। अपने हास्य और विनोद के माध्यम से माहौल बनाना उनकी कुशलता थी। उन्होंने कहा कि अटल जी के डांट मेें भी प्रेम होता था। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि अटल जी का व्यक्तित्व विराट था। वह तो अनेक असंभव एक व्यक्तित्व में था। उनके तो आक्रमण में भी प्यार था। वह तो हमेशा मित्र व्यक्तित्व रहे। उनके डांटने में प्रेम रहता था।
इस अवसर पर डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि अटल जी का लखनऊ से चोली-दामन का साथ था। वह लखनऊ के हर गली-मोहल्ले के साथ कण-कण में थे। उनका यहां के हर व्यक्ति के साथ स्नेह था। वह सभी के साथ अपना जुड़ाव रखते थे। उनका प्रयास सभी के सुख-दुख में शामिल होने का रहता था। उत्तर प्रदेश सरकार ने उनको लेकर कई योजनाएं बनाई हैं। अटल बिहारी जी के ऊपर लखनऊ विश्वविद्यालय में शोधपीठ की स्थापना होगी। इसके प्रस्ताव पर मुहर भी लग चुकी है। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने किया।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 1924 में आज ही के दिन मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का निधन लंबी बीमारी के बाद 16 अगस्त को लंबी बीमारी के बाद हो गया था। अटल जी की भाषण शैली के लोग दीवाने थे और उनकी इस शैली का विरोधी भी सम्मान करते थे। अटल जी ने अपनी राजनीतिक कुशलता से भाजपा को देश में शीर्ष राजनीतिक स्थान पर पहुंचाया था। उन्होंने भारत को परमाणु शक्ति बनाया। इसके साथ ही उनको भारतीय राजनीति में स्थायी गठबंधन की राजनीति की शुरुआत करने के लिए भी जाना जाता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा में पले-बढ़े अटल बिहारी को राजनीति में उदारवाद, समता और समानता के के समर्थक के तौर पर याद किया जाता है। आखिरी समय में बीमारी की वजह से सार्वजनिक जीवन से दूर चले गए थे।
लोकभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाईक के साथ गृह मंत्री राजनाथ सिंह, सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन के साथ राज्य मंत्री मोहसिन रजा व मेयर संयुक्ता भाटिया ने उनकी तस्वीर पर पुष्पांजलि की।

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