प्रयागराज:यूपी के परिषदीय स्कूलों में सितंबर माह में नियुक्ति पाने वाले 41 हजार शिक्षकों की अब तक सेवा पुस्तिका भी नहीं बन सकी है। तमाम जिलों में सेवा पुस्तिका तैयार करने की प्रक्रिया तक शुरू नहीं हो सकी है, बेसिक शिक्षा अधिकारी स्टॉफ की कमी गिनाकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। अब तक वेतन न मिलने से दूसरे जिलों में नियुक्ति पाने वाले शिक्षक परेशान हैं।
योगी सरकार की पहली 41 हजार सहायक अध्यापक भर्ती पर शासन शुरू से गंभीर दिखा लेकिन, बेसिक शिक्षा अधिकारियों की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं है। यही वजह है कि जो कार्य अब तक पूरे हो जाने चाहिए, वे निर्देशों के बाद भी अधूरे हैं। नियमानुसार शिक्षकों की सेवा पुस्तिका ज्वाइन होने के एक माह में निर्गत करने का प्रावधान है, यह सर्विस बुक कुछ जिलों को छोड़कर अधिकांश में बनना शुरू नहीं हुई है। इससे नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों को यह अहसास ही नहीं हो रहा है कि वे नियुक्ति पा चुके हैं। शिक्षकों की मानें तो इस बार ज्यादातर चयनितों को दूसरे जिलों में ही तैनाती मिली है।
तीन माह से उन्हें एक पैसे का भुगतान नहीं हुआ है, इससे वे सभी परेशान हैं। किसी तरह उधार लेकर या फिर परिजनों से पैसा मांगकर वे काम चला रहे हैं। शिक्षक कहते हैं कि जिस तरह से अभिलेख सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है, उसमें छह माह में भी सत्यापन पूरा नहीं होगा। तमाम जिलों में बीएसए को शिक्षकों ने ज्ञापन सौंपा है, इस पर उनका जवाब है कि ‘क्या वे विश्वविद्यालयों का चक्कर लगाएंगे। अब यही काम बचा है। शिक्षक कहते हैं कि सेवा पुस्तिका तो खंड शिक्षा अधिकारी स्तर से तैयार कराई जा सकती है लेकिन, उस पर भी विभाग गंभीर नहीं है।
शिक्षामित्रों को लेकर असमंजस
सहायक अध्यापक पद पर चयनित 7224 शिक्षामित्रों के सारे अभिलेख समायोजन के समय सत्यापित हो चुके हैं, कुछ जिलों ने पुराने सत्यापन को मान लिया है लेकिन, अधिकांश अन्य चयनितों के साथ ही शिक्षामित्रों के अभिलेखों का भी सत्यापन कराने का निर्देश दिया है।
12460 चयनितों को तीन माह में भुगतान
एक ओर 41 हजार शिक्षकों को वेतन नहीं मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर 12460 शिक्षक भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों को तीन माह में ही वेतन जारी हो गया था। हालांकि उस पर हाईकोर्ट ने नए सिरे से काउंसिलिंग कराने का आदेश दिया है, जिससे भुगतान फिर रुक गया है।