जी हां, सुनकर आपको यकीन भी नहीं हो रहा होगा, लेकिन जानकारों की मानें तो जिस तेजी से इस कंपनी को नुकसान हो रहा है उसे देखते हुए यह लगता है कि इस साल के अंत तक भारत संचार निगम लिमिटेड यानी बीएसएनएल दिवालिया हो जाएगी। दरअसल इस सरकारी टेलीकॉम कंपनी को हर महीने हो रहे भारी भरकम नुकसान को देखते हुए ही यह अंदाजा लगाया जा रहा है। खबर है कि बीएसएनएल को हर महीने 400 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
आपको यह जानकर हैरानी होगी की 2004 में जब पहली बार यूपीए की सरकार बनी थी, तब इस कंपनी के नाम पर कुल 30,000 करोड़ रुपए की नकदी थी। और इस कंपनी की गिनती अच्छा खासा मुनाफा कमाने वाली कंपनियों में की जाती थी। लेकिन 2004 से लेकर अबतक महज, 7 सालों के भीतर ही यह कंपनी दिवालिया होने की कगार पर जा पहुंची है।
साल 2009-10 के दौरान बीएसएनएल का रेवेन्यू 10 फीसदी से ज्यादा घट गया। इसके अलावा इस कंपनी को 3जी स्पेक्ट्रम की फीस के तौर पर 18,500 करोड़ रुपए की रकम भी चुकानी पड़ी है। ऐसे हालात में इस कंपनी की स्थिति बद से बदत्तर हो गई है।
हालांकि 3 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और करोड़ो ग्राहकों वाली इस कंपनी के लिए राहत की बात यही है कि केंद्र सरकार इस बात का वादा कर चुकी है कि इस कंपनी को डूबने नहीं दिया जाएगा। और यह वादा किसी और ने नहीं बल्की प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने किया है। हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा की जबरदस्त नुकसान उठा रही इस कंपनी का उद्धार किस तरह किया जाता है।