संसद का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है और सरकार इस कोशिश में है कि बजट सत्र हंगामे की भेंट नहीं चढ़े.
सरकार बजट सत्र के सुचारु संचालन को लेकर पूरी तरह गम्भीर है, क्योंकि इस सत्र का चलना सरकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. लिहाजा वह इस रास्ते में आने वाले हर रोड़े को साफ करने में जुटी हुई है. इस सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी. इसके बाद रेल बजट और आम बजट पेश किया जाना है. सरकार को इन्हें संसद से पारित कराना होगा.
जिस एक मुद्दे को लेकर पूरा शीतकालीन सत्र बर्बाद हो गया था, सरकार ने उस मुद्दे को भी सुलझाने का संकेत दे दिया है. हालांकि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में हुई अनियमितता की जांच के लिए जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) की घोषणा अभी नहीं हुई है और सरकार इस मुद्दे पर बुधवार को अपना रुख साफ करेगी, लेकिन स्थितियां जेपीसी गठन का संकेत देती हैं, क्योंकि सरकार इस बात को अच्छी तरह जानती है कि जेपीसी गठन के बगैर सत्र का सुचारु संचालन शायद सम्भव न हो सकेगा.
प्रधानमंत्री ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि बजट सत्र के सुचारु संचालन की उन्हें आशा है. उन्होंने यह भी कहा कि बजट सत्र फलदायी होगा.
सोमवार को सदन में विपक्ष का रुख क्या होगा, इस बारे में कोई आधिकारिक बयान अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन समझा जा रहा है कि कम से कम राष्ट्रपति के अभिभाषण में विपक्ष कोई अवरोध नहीं खड़ा करेगा. स्थितियां इस बात का भी संकेत करती हैं कि विपक्ष बुधवार तक जेपीसी पर सरकार के रुख का इंतजार कर सकता है.
संसदीय मामलों के मंत्री पवन कुमार बंसल ने शुक्रवार को ही इस बात की पुष्टि कर दी थी कि जेपीसी पर कोई निर्णय बुधवार से पहले ले लिया जाएगा.
बहरहाल, सरकारी एजेंडे के अनुसार बजट सत्र के दौरान कई सारे विधेयक सदन में पेश किए जाने हैं और उन्हें पारित किया जाना है. बगैर इसके सरकार अपने एजेंडे पर आगे नहीं बढ़ पाएगी.
सरकार आर्थिक एवं प्रशासनिक सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है. लिहाजा बजट सत्र के दौरान कई आर्थिक विधेयक पेश किए जाएंगे.
वस्तु एवं सेवा कर के लिए संविधान संशोधन विधेयक, खनन क्षेत्र में मंजूरी प्रक्रिया को गति देने के लिए एमएमडीआर विधेयक एवं कम्पनी विधेयक बजट सत्र के दौरान पेश किए जाने हैं.
इसके अलावा उद्योग के लिए भूमि अधिग्रहण को आसान बनाने सम्बंधी विधेयक को भी बजट सत्र के लिए सूचीबद्ध किया गया है.
एसएआरएफएईएसआई कानून में संशोधन के लिए एक विधेयक इस सत्र में पेश किया जाना है, जिसके जरिए बैंकों द्वारा गैर निष्पादक सम्पत्तियों (एनपीए) की वसूली में सुधार लाने का लक्ष्य है.
वर्तमान कानून में विसंगति समाप्त करने के लिए सरकार रिकवरी ड्यू टू बैंक्स एंड फाइनेंसियल इंस्टीट्यूशंस (संशोधन) विधेयक ला रही है.
इसके अलावा कई और महत्वपूर्ण विधेयकों को इस सत्र में पेश करना और पारित कराना सरकार के एजेंडे में है. लेकिन यह सबकुछ विपक्ष के रुख और सत्र के सुचारु संचालन पर ही निर्भर करेगा.