Sunday, January 12, 2025
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रामपाल सहित 29 आरोपी हत्‍या के दो मामलों में दोषी करार

हिसार:जिले के बरवाला के सतलोक आश्रम संचालक रामपाल पर चार साल बाद हत्या के केस में हिसार की विशेष अदालत में फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने हत्‍या के दो मामले में रामपाल दोषी क़रार दिया। अदालत सजा का एेलान 16 या 17 अक्‍टूबर को करेगी। अदालत ने दोनों मामलों में रामपाल सहित 29 लाेगों को दोषी ठहराया है। दोषी करार दिए गए आरोपितों में तीन महिलाएं हैं। सेंट्रल जेल एक में बनाई गई विशेष अदालत में जज डीआर चालिया ने मामले पर फैसला सुनाया। इससे पहले रामपाल को छोड़कर बाकी सभी आरोपित कोर्ट पेश किया गया। इसके बाद रामपाल को अदालत में पेश किया गया। जेल परिसर के बाहर नाका लगाकर भारी पुलिस बल और आरएएफ के जवानों को तैनात किया है।
अदालत ने रामपाल व अन्‍य आरोपिताें को भादसं की धाराओं 302, 343 अौर 120बी के तहत दोषी ठहराया है। अदालत में एफआइआर नंबर 429 के मामले में रामपाल सहित 15 आरोपितों को दोषी करार दिया। कोर्ट ने एफआइआर नंबर 430 में 14 आरोपितों को दोषी करार दिया। इसके साथ ही अदालत एफआरआइ 429 के मामले में सजा का ऐलान 16 अक्‍टूबर को किया जाएगा। एफअाइअार 430 मामले में 17 अक्‍टूबर को सजा सुनाई जाएगी।
हिसार की विशेष अदालत सजा का ऐलान 16 या 17 अक्‍टूबर को करेगी
उधर रामपाल के वकील एडवोकेट एपी सिंह ने पुलिस पर खुद को सेंट्रल जेल के अंदर बने विशेष अदालत में जाने से राेकने का आराेप लगाया। एडवोकेट एपी सिंह ने कहा कि उन्‍हे पुलिस ने जानबूझ कर धरना दिया। इस दौरान उन्‍होंने जेल अधिकारियों को बुलाने की मांग की। उन्‍होंने धमकी दी कि यदि जेल के अंदर नहीं जाने दिया गया तो धरना देंगे।

सेंट्रल जेल-1 में बनी विशेष अदालत में एडीजे डीआर चालिया इस मामले में सुनवाई की। कोर्ट के फैसला सुनाए जाने के मद्देनजर हिसार और आसपास के क्षेत्र हाई अलर्ट है। सुरक्षा के बेहद कड़े प्रबंध किए गए हैं और हिसार शहर पुलिस छावनी में तब्‍दील हो गया है। अशांति की आशंका में हिसार में रेल सेवा बंद करने की सिफारिश की गई है। बताया जाता है कि हरियाणा पुलिस ने रेल अधिकारियों को इस बारे में लिखा था। शहर व आसपास के क्षत्र में इंटरनेट सेवा भी बंद की जा सकती है।

कोर्ट, सेंट्रल जेल, लघु सचिवालय सहित शहर में भारी पुलिस बल तैनात है। सुरक्षा व्‍यवस्‍था में डीआइजी सहित कई जिलों के एसपी, डीएसपी भी लगाए गए हैं। शहर में संवेदनशील जगहों पर अर्द्ध सैनिक बलों के जवान भी तैनात हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वयं इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस से पूरी जानकारी ली। शहर में पुलिस ने फ्लैग मार्च भी निकाला। पंचकूला मेें डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमती राम रहीम को फैसला सुनाए जाने के समय हुई चूक से सबक लेकर सरकार और पुलिस सुरक्षा में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती है।
बता दें कि 18 नवंबर 2014 को सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल को बरवाला स्थित आश्रम से बाहर निकालने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू किया था। पहले ही दिन काफी लोग घायल हुए थे, लेकिन समर्थक नहीं हटे थे। अगले दिन रामपाल स्वयं बाहर निकला था। इस दौरान पांच महिलाओं सहित एक बच्चे की मौत हुई थी।इस संबंध में पुलिस ने एफआइआर नंबर 429 और 430 नंबर दर्ज की थी। एफआइआर नंबर 429 में रामपाल के अलावा 15 लोग और एफआइआर नंबर 430 में रामपाल सहित 14 लोगों पर केस दर्ज किया गया था। इन दोनों मामलों में बृहस्पतिवार को एडीजे डीआर चालिया फैसला सुनाएंगे।
रामपाल पर हुए सात केस दर्ज
रामपाल पर पुलिस ने नवंबर 2014 में सात केस दर्ज किए थे। इसमें देशद्रोह, हत्या, अवैध रूप से सिलेंडर रखने आदि काफी मामले हैं। रामपाल इनमें से दो केसों में बरी हो चुका है। इन दोनों केसों में पुलिस कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं कर सकी थी, जिस पर कोर्ट ने भी टिप्पणी की थी। एक मुकदमे से अदालत ने रामपाल का नाम हटा दिया था।
हिसार आने वाले जेब में रखें आइडी
रामपाल पर फैसले के मद्देनजर पुलिस ने हर प्वाइंट पर नाके लगाए हुए हैं। यहां बाहर से आने वाले हर वाहन व व्यक्ति की चेङ्क्षकग की जाएगी। इसलिए बाहर से आने वाला प्रत्येक नागरिक अपने साथ खुद की आइडी जरूर लाएं, ताकि उसे परेशानी न हो।
रामपाल प्रकरण में न्यायिक फैसले के मद्देनजर किसी को भी कानून व्यवस्था भंग करने की इजाजत नहीं होगी। यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कारर्वाई की जाएगी। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात करने के साथ-साथ डयूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं जो पूरे जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ हर प्रकार की स्थिति से निपटने – अशोक कुमार मीणा, उपायुक्त, हिसार।
बरवाला के सतलोक आश्रम प्रकरण को लेकर 18 नवंबर 2014 को आश्रम संचालक रामपाल के समर्थकों और पुलिस के बीच टकराव हो गया था। पुलिस और आश्रम के लोगों के बीच चार दिन से गतिरोध बना हुआ था। उस दौरान दिल्ली के बदरपुर की सरिता और पंजाब के संगरूर की मलकीत कौर, राजबाला, संतोष और डेढ साल के आदर्श की मौत हो गई थी। बरवाला थाना पुलिस ने इस संबंध में हत्या का केस दर्ज कर आश्रम प्रमुख रामपाल समेत 15 लोगों को गिरफ्तार किया था।
बुधवार देर रात हिसार रेलवे स्‍टेशन पर तैनात पुलिसकर्मी।
पुलिस ने रामपाल के अलावा उसके बेटे बिजेंद्र उर्फ वीरेंद्र तथा उगालन के जोगेंद्र, सोनीपत के भटगांव के राजेंद्र, दादरी के गांव इमलोटा के राजकपूर उर्फ प्रीतम, बरवाला की बबीता व पूनम, हिमाचल के सोलन के पवन व राजीव शर्मा, राजस्थान के पाली के राजेश उर्फ रमेश व नटवर उर्फ लक्ष्मण, किन्नौर के बलवान, राजस्थान के सवाई माधोपुर के राजेश, कुरुक्षेत्र के रामचंद्र और जींद की सावित्री को गिरफ्तार किया था। इस केस का ट्रायल 18 मई 2015 को शुरू हुआ था। यह केस धारा 302, 343 व 120 बी के तहत चला।
मुकदमा नंबर 430
सतलोक आश्रम विवाद में यूपी के ललितपुर की रजनी नामक महिला की भी मौत हुई। बरवाला थाना पुलिस ने आश्रम प्रमुख रामपाल समेत 14 आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इनमें रामपाल के अलावा सोनीपत के गांव धनाना के बिजेंद्र उर्फ वीरेंद्र, उगालन के जोगेंद्र, भटगांव के राजेंद्र, इमलोटा के राजकपूर उर्फ प्रीतम, बरवाला की बबीता, हिमाचल के बलवान, पवन व राजीव शर्मा, राजस्थान के पाली के नटवर व रमेश, राजस्थान के सवाई माधोपुर के राजेश, कुरुक्षेत्र के रामचंद्र और झज्जर के कृष्ण को गिरफ्तार किया था। इस केस का ट्रायल 4 जून 2015 को शुरू हुआ था। यह केस धारा 302, 343 व 120 बी के तहत चला।
एक मुकदमे में एक और दूसरे मुकदमे में दो दिन चली बहस
जानकारी के अनुसार अदालत में मुकदमा नंबर 429 में 5 और 6 अक्टूबर को बहस हुई थी। इसके अलावा मुकदमा नंबर 430 में 6 अक्टूबर को बहस हुई थी। इन मुकदमों का ट्रायल सेंट्रल जेल वन में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय पराशर की अदालत में हुआ। लेकिन मुकदमों का फैसला सुनाने से पहले उनका ट्रांसफर हो गया।
मुकदमा नंबर 429 में हुई 43 की गवाही
एडीजे अजय पराशर के ट्रांसफर के बाद एडीजे डीआर चालिया मुकदमे की सुनवाई कर रहे हैं। अदालत में मुकदमा नंबर 429 में 43 गवाहों ने गवाही दी। इसके अलावा सफाई के 13 गवाहों ने अपनी गवाही दर्ज कराई। इसके अलावा मुकदमा नंबर 430 में 23 गवाहों की गवाही दर्ज हुई। सफाई के 19 गवाहों ने भी अपनी गवाही दर्ज कराई। दोनों मुकदमों का फैसला 11 अक्टूबर को सुनाया जाएगा।
फैसले के मद्देनजर ट्रेनें रद करने की है सिफारिश
फैसले को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने रेल अधिकारियों को पत्र लिखकर हिसार आने व यहां से जाने वाली 15 ट्रेन रद करने की सिफारिश की। रेलवे एसपी ने पत्र में लिखा है कि रामपाल पर फैसले के बाद हिसार में हालात बिगड़ सकते हैं, इस सूरत में ट्रेनों का आवागमन रोका जा सकता है, ताकि यात्रियों की जान-माल और रेलवे की संपत्ति को नुकसान न पहुंचे। रेलवे पुलिस का कहा है कि रामपाल पर फैसले के बाद सिरसा, हिसार, हांसी, भिवानी, जाखल और आदमपुर रेलवे स्टेशन विशेष रूप से संवेदनशील हैं। ऐसे में इन स्टेशनों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
रेलवे स्टेशन पर विशेष नजर
रामपाल के अधिकत्तर समर्थक ट्रेनों से ही हिसार आते हैं। रामपाल की हर सुनवाई में बड़ी संख्या में समर्थक हिसार आते हैं और हिसार सेंट्रल जेल वन के आगे रामपाल को दंडवत प्रणाम करते हैं और यहां चार से पांच घंटे रूककर वापस चले जाते हैं। इसे देखते हुए रेलवे स्‍टेशनों पर विशेष नजर रखी जा रही है और वहां सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
इन ट्रेनों को रद करने की सिफारिश की
जयपुर-हिसार पैसेंजर
रेवाड़ी-हिसार पैसेंजर
अमृतसर-हिसार पैसेंजर
धुरी-हिसार पैसेंजर
गोरखधाम एक्सप्रेस
जयपुर-हिसार पैसेंजर
चुरु-हिसार पैसेंजर
बीकानेर-हिसार पैसेंजर
गंगानगर-रेवाड़ी पैसेंजर
सादलपुर-लुधियाना पैसेंजर
लुधियाना-भिवानी पैसेंजर।

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