बाराबंकी:उत्तर प्रदेश पुलिस की एक महिला सिपाही ने आत्महत्या कर ली। बाराबंकी के हैदरगढ़ थाना में तैनात मोनिका ने एसएचओ तथा सिपाही पर गंभीर आरोप लगाया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस में तैनात जवान इन दिनों मानसिक तौर पर प्रताडि़त हो रहे हैं। इसी कारण बाराबंकी की हैदरगढ़ कोतवाली में तैनात महिला आरक्षी मोनिका ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। मृतक मोनिका के पास से एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें एसएचओ पर असहयोग का आरोप लगाया है। मोनिका ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसे मानसिक तौर पर परेशान किया जा रहा था। आरक्षी मोनिका ने सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं मोनिका थाना हैदरगढ़, बाराबंकी में आरक्षी के पद पर नियुक्त हूं। मुझे कार्यालय में सीसीटीएनएस पर कार्यरत होने के बावजूद भी बार-बार बाहर ड्यूटी लगाकर टार्चर किया जाता है।
मोनिका ने अपना दर्द बयां करते हुए लिखा है कि बाकी सीसीटीएनएस पर कार्यरत लोगों की कही बाहर ड्यूटी नहीं लगती है। मोनिका ने लिखा है कि डिपार्टमेंट में अगर कुछ खुद के साथ गलत हो रहा है तो उसका विरोध भी करना गुनाह है। यहां तो जो भी हो रहा है चुपचाप सहते जाओ, तब ही शायद सभी खुश रहते हैं।
मोनिका के मुताबिक, जब उन्होंने इस चीज का विरोध किया तो कार्यालय में मौजूद कांस्टेबल मो. रूखसार अहमद और एसएचओ परशुराम ओझा उसे मानसिक तौर पर परेशान करने लगे। यही नहीं रजिस्टर पर गैर हाजिरी भी लगा दी गई। मोनिका ने लिखा है कि 29 सितंबर को जब वह अपनी छुट्टी लेकर एसएचओ के पास गई तो उन्होंने रजिस्टर फेंक दिया और बोले कि हम छुट्टी नहीं देंगे।
आरक्षी मोनिका हरदोई जिले की मूल निवासी है और 2016 बैच की सिपाही थी। वह करीब एक वर्ष से कोतवाली में तैनात थी। जानकारी के मुताबिक मोनिका पंजाब नेशनल बैंक के पास किराए का कमरा लेकर रह रही थी। मोनिका ने लिखा है कि मुझे समझ नहीं आता है कि आखिर जिन छुट्टियों पर हमारा हक है उनके लिए भी हमें उच्च अधिकारियों के सामने भीख मांगनी पड़ती है। आखिर कब तक यह सब कर्मचारियों को झेलना पड़ेगा। मोनिका ने लिखा है कि अगर आज छुट्टी दे दी गई होती तो यह कदम नहीं उठाना पड़ता और आज नहीं रोना व परेशान होना पड़ता। मोनिका ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि सॉरी मम्मी-पापा जो भी आप लोगों के साथ गलत किया, हो सके तो मुझे इस हरकत पर माफ कर देना।