मुंबई:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश के सिलसिले में पुणे पुलिस ने मंगलवार को देश के छह राज्यों में छापे मारकर पांच माओवादी कार्यकर्ताओं को पकड़ा है। इन सभी को इसी साल जून में गिरफ्तार किए जा चुके पांच माओवादियों से पूछताछ के आधार पर पकड़ा गया है। सभी पर प्रतिबंधित माओवादी संगठन और नक्सलियों से रिश्ते का आरोप है।
उधर, कांग्रेस और माकपा ने इस कार्रवाई की निंदा की है। पुणे पुलिस ने मंगलवार को मुंबई और ठाणे के साथ-साथ फरीदाबाद, रांची, गोवा और हैदराबाद में भी छापे मारे। इस छापेमारी में हैदराबाद से वामपंथी रझान के कवि वरवरा राव, फरीदाबाद से एडवोकेट सुधा भारद्वाज, दिल्ली से गौतम नवलखा, मुंबई से वर्णन गोंसाल्विस एवं ठाणे से एडवोकेट अरुण परेरा को गिरफ्तार किया गया है।
गोवा में लेखक एवं प्रोफेसर आनंद तेलतुंबड़े के घर पर उनकी अनुपस्थिति में छापा मारकर उनके कम्प्यूटर एवं पेन ड्राइव की छानबीन की गई। रांची में 83 वर्षीय वामपंथी बुद्घिजीवी स्टैन स्वामी के घर की तलाशी ली गई। हैदराबाद में वरवरा राव सहित उनसे संबंधित करीब आधा दर्जन लोगों के घरों पर छापे मारे गए।
सुधा भारद्वाज की गिरफ्तारी हाउस अरेस्ट में बदली
फरीदाबाद के सूरजकुंड क्षेत्र चार्मवुड विलेज सोसाइटी से भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार सुधा भारद्वाज को फिर से देर रात 11:00 बजे मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अशोक शर्मा के निवास पर पेश किया गया। पहले मुख्य न्यायाधीश दंडाधिकारी ने सुधा भारद्वाज को पुणे पुलिस को ट्रांजिट रिमांड पर सौंपा था, पर उच्च न्यायालय ने हाउस अरेस्ट के आदेश दिए हैं। जिसके बाद उन्हें पुलिस ने फिर से जज अशोक शर्मा के समक्ष पेश किया। अभी जज के निवास पर दोनों ओर से बहस चल रही है।
भीमा कोरेगांव हिंसा के बाद हुआ था पर्दाफाश
इसी वर्ष एक जनवरी को पुणे के समीप भीमा कोरेगांव दंगे की पूर्व संध्या 31 दिसंबर को शनिवारवाड़ा के बाहर अजा-जजा कार्यकर्ताओं द्वारा यलगार परिषद का आयोजन किया गया था। इसी दौरान मुंबई और कल्याण से कई माओवादी कार्यकर्ता पकड़े गए थे। जिनसे पूछताछ में भीमा कोरेगांव दंगे में माओवादी साजिश का पता चला था।
पहले ये हुए थे गिरफ्तार
भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच के दौरान पुणे पुलिस ने इसी साल जून में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इन पर प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से संबंध रखने का आरोप है। तब सुधीर धवले, वकील सुरेंद्र गाडलिंग, कार्यकर्ता महेश राउत, शोमा सेन और रोना विल्सन को मुंबई, नागपुर एवं दिल्ली से गिरफ्तार किया था।
एम-4 राइफल व आठ करोड़ की जरूरत बताई
दिल्ली में रोना विल्सन के घर से मिले पत्र में एम-4 राइफल और गोलियां खरीदने के लिए आठ करोड़ रुपये की जरूरत की बात भी लिखी मिली।
राजीव गांधी की तरह हत्या का था जिक्र
हत्या की साजिश वाले पत्र में कहा गया था ‘मोदी 15 राज्यों में भाजपा को स्थापित करने में सफल हुए हैं। यदि ऐसा ही रहा तो सभी मोर्चो पर पार्टी (वामदल) के लिए दिक्कत खड़ी हो जाएगी। कॉमरेड किसन और कुछ अन्य सीनियर कॉमरेड्स ने मोदी राज को खत्म करने के लिए कुछ मजबूत कदम सुझाए हैं। हम सभी राजीव गांधी जैसे हत्याकांड पर विचार कर रहे हैं। बाकी अगले पत्र में।’
कौन- कौन आए राडार पर
1. वरवरा राव : हैदराबाद से गिरफ्तार। नक्सलियों से जुड़े होने का आरोप है। इन्हीं आरोपों में उन्हें 1973 से 1975 के दौरान जेल हुई थी
2. सुधा भारद्वाज : दिल्ली से गिरफ्तार नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर सुधा भारद्वाज 38 साल से छग में सक्रिय हैं। वह वकील, यूनियनिस्ट, एक्टिविस्ट हैं। 80 के दशक में छग के श्रमिक नेता शंकर गुहा नियोगी के साथ सक्रिय रहीं। हालांकि, हाईकोर्ट ने सुधा भारद्वाज की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए हाउस अरेस्ट के आदेश दिए हैं।
3. गौतम नवलखा : मानव अधिकार एक्टिविस्ट व पत्रकार गौतम नवलखा को भी दिल्ली से पुलिस ने हिरासत में लिया है। उन पर भी नक्सलियों से जुड़े होने के आरोप लगते आए हैं।
4. अरुण परेरा : पेशे से वकील परेरा को ठाणे से गिरफ्तार किया गया है। उन्हें 2014 में भी नक्सली समर्थक होने के कारण गिरफ्तार किया जा चुका है।
5. वर्णन गोंसाल्विस : मुंबई से गिरफ्तार किया गया। रांची में फादर स्टैन स्वामी के घर से 33 वस्तुएं जब्त महाराष्ट्र पुलिस ने झारखंड की राजधानी रांची के नामकुम क्षेत्र के एटीसी, बगीचा टोली में फादर स्टैन स्वामी के घर घंटों तलाशी ली। वहां से 33 वस्तुएं जब्त की गई।
नवलखा की ट्रांजिट रिमांड पर रोक
दिल्ली हाई कोर्ट ने गौतम नवलखा की ट्रांजिट रिमांड पर रोक लगा दी। हाई कोर्ट की पीठ ने कहा कि मामले में बुधवार को सुनवाई होने तक गौतम नवलखा को उनके आवास पर पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में नजरबंद रखा जाए। कांग्रेस व वामदलों ने की निंदा माकपा ने एक बयान जारी कर कहा है कि गिरफ्तारियों की निंदा की है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयपाल रेड्डी ने भी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की कड़े शब्दों में भर्त्सना की है।