जेल में भाइयों के राखी बांध छलक आए बहनों के आंसू

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फर्रुखाबाद: रक्षाबंधन पर जिला व सेन्ट्रल जेल पर जेल में बंद बंदियों को उनकी बहनों से मुलाकात कराये जाने की व्यवस्था की गयी थी| पहले बाहर से आयी महिलाओं को मुलाकात करायी गयी| उसके बाद जेल में बंद महिला बंदियों की उनके भाईयों से मुलाकात की व्यवस्था की गयी| जेल में भाइयों को देख बहनों के आंसू छलक आये|
जिला जेलों में सुबह से ही महिलाओं का आना शुरू हो गया था| जिनकी पर्ची लगाकर मुलाकात की व्यवस्था थी| तकरीबन 9 बजे से मुलाक़ात का दौर शुरू किया गया| पहले मुख्य गेट पर तलाशी ली गयी उसके बाद महिलाओं को भीतर दाखिल किया गया| जंहा उन्होंने अपने भाईयों को रक्षासूत्र बांधा| उन्हें मिठाई खिलाई| रक्षाबंधन पर भाई-बहन के प्यार में जेल की ऊंची दीवारें, सलाखें और तगड़ी सुरक्षा भी आड़े नहीं आई। भाइयों को सलाखों के पीछे देख बहनों की आंखों में आंसू छलक आए। बहनों का प्यार देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं। सुबह नौ बजे मिलाई का सिलसिला शुरू हुआ जो शाम पांच बजे तक जारी रहा।
रविवार को रक्षाबंधन पर सुबह से ही कैदी भाइयों को राखी बांधने के लिए बहनें पहुंचने लगीं। जेल गेट पर लंबी लाइन लग गई। बहनों के हाथों में राखी और मिठाई का डिब्बा था। भूखे-प्यासे रहने के बाद भी उनके चेहरों पर चमक थी, भाइयों से जो मिलना था। सुबह करीब दस बजे जेल परिसर में एंट्री होने पर भाइयों की कलाई पर राखी बांधते वक्त बहनों की आंखों से आंसू छलक उठे। मिठाई खिलाने के बाद कैदी भाइयों से वचन लिया कि भविष्य में कभी अपराध नहीं करेंगे।
आंखें निहारती रहीं बहनों की राह
बहन की राह बंदी भाइयों की आंखें सुबह से निहरती रहीं। सुबह जैसे ही जेल परिसर में एंट्री करते बहनों को देखा कैदी भाइयों की आंखे छलछला उठीं। भाई-बहन एक दूसरे को गले लगाते दिखे। सैकड़ों की संख्या की भीड़ होने के बाद भी किसी बहन को निराश होकर जेल से नहीं लौटना पड़ा। जेल प्रशासन की तरफ से बहनों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए इंतजाम किए गए थे।
कड़ी जांच से गुजरना पड़ा
भाइयों के रक्षा सूत्र बांधने पहुंची बहनों को कड़ी सुरक्षा जांच से होकर गुजरना पड़ा। गेट पर लंबी लाइन लगी थी, जेल गेट पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने बहनों को सिर्फ मिठाई ले जाने दिया। सुरक्षा की दृष्टि से गेट पर रोजाना के मुकाबले सुरक्षा अतिरिक्त थी, महिला बंदी रक्षकों को तैनात किया गया था।
रक्षाबंधन पर कैदियों को लजीज व्यंजन
जिला जेल व सेन्ट्रल जेल में रक्षाबंधन के त्यौहार पर लजीज व्यंजन की व्यवस्था की गयी थी| जिला जेल में बंदियों को पुड़ी-सब्जी व रवा के हलवे का इंतजाम किया गया|
सूने हाथों में जेल प्रशासन ने बांधने की व्यवस्था की थी| जिला जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह ने बताया की जिन बंदियों की बहन किसी कारण नही आ सकी उन बंदियों को जेल प्रशासन ने अपनी तरफ से राखी और मिष्ठान की व्यवस्था की|
जिला जेल में 8 महिलाओं से ही की उनके भाईयों ने भेट
जिला जेल में विभिन्य अपराधों के आरोप में 45 महिला बंदी बंद है| जिनमे से केबल 7 महिला बंदियों से ही उनके भाईयों ने भेट की| रक्षा बंधन पर कुल 411 महिलाओं और 8 महिला बंदियों के भाईयों ने भेट की| वही सेन्ट्रल जेल में भी लगभग 600 मुलाकात हुई|