फर्रुखाबाद: प्रारंभ होने से पहले ही लाखों की लागत से बना तीन मंजिला राजकीय संग्रहालय खंडहर में तब्दील होने लगा है| सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है|
उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर सीएनडीएस संस्था द्वारा तीन मंजिला राजकीय संग्रहालय ग्राम अदिउली में निर्मित किया गया था| इस संग्रहालय को चार चांद लगाने के लिए डॉक्टर रामकृष्ण राजपूत ने विभिन्न माध्यमों से संग्रहित दुर्लभ सामग्री राजकीय संग्रहालय को देने की घोषणा भी कर रखी है| जिसकी पुष्टि जनपद के जिलाधिकारी तथा कानपुर के मंडलायुक्त द्वारा भी की जा चुकी है| सरकार द्वारा एक साथ घोषित तीन संग्रहालय हो बहराइच कन्नौज को पहले हु शूरू किया जा चुका है| वही व फर्रुखाबाद संग्रहालय का अवलोकन यूपी के मुख्यमंत्री,महानिदेशक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण दिल्ली के निर्देशक, कई-कई प्रदेश के मंत्री व केंद्रीय मंत्री द्वारा किया जा चुका है लेकिन इसके बावजूद भी आज तक नवनिर्मित राजकीय संग्रहालय के ताले नहीं खोले जा सके|
जिससे डॉक्टर रामकृष्ण राजपूत के निजी संग्रहालय में रखी बेशकीमती इतिहास की धरोहर मिट्टी में तब्दील होने को मजबूर है| डॉ० रामकृष्ण राजपूत के अनुसार उनके संग्रहालय में अभिलिखित पुस्तकें, मूर्तियां, ताम्र लेख, मिर्जा गालिब के फर्रुखाबाद आगमन के समय का स्मृति चित्र,हाथी दांत से बनी हुई विभिन्न सामग्री, गुप्तकालीन,,सूरी खिलजी, मुगल, अंग्रेजी शासन के दुर्लभ स्वर्ण रजत अन्य धातुओं के सिक्के मौजूद हैं| विभिन्न योद्धाओं द्वारा प्रयोग की गई पुरानी तलवारें,ढाल पुराने हथियार तीर-कमान,सुरक्षा सामग्री, 1857 के समय के स्वतंत्रता संग्राम के शस्त्र आदि धूल फांक रहे हैं| यदि संग्रहालय समय रहते खोला नहीं गया तो यह आने वाले नौनिहालों को देखने और समझने की वस्तुएं एक स्वप्न ही रह जाएंगे|