लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार शुक्रवार को सदन में अपना दूसरा बजट पेश कर रही है। 428384.52 करोड़ का बजट पेश किया गया। वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए पेश किए इस बजट में 2019 लोकसभा चुनाव की झलक दिखती है। उन्होंने बजट भाषण के दौरान पिछली सरकार पर तंज कसते हुए शेर भी पढ़ा कि, ” वह और दर हैं, पुकारे से जो नहीं खुलते, हमारा प्यार ग़रीबो के द्वार जाता है।। बजट भाषण में सरकार ने राम के साथ-साथ श्री कृष्ण के 16 कलाओं के अवतार को याद किया। यूपी बजट 2018 उत्तर प्रदेश का अबतक का सबसे बड़ा बजट साबित होगा। यूपी के यह बजट किसान, उद्योग, निवेश, रोजगार, कानून व्यवस्था पर केंद्रित होगा।
– चिकित्सा एवं स्वास्थ्य में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 291 करोड़ रुपये
– ग्रामीण क्षेत्रों में 100 नए आयुर्वैदिक अस्पताल खुलेंगे
– सिंचाई सरयू नहर परियोजना के लिए 1 हजार 614 करोड़ रुपये मिले
– प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 2 हजार 8 सौ 73 करोड़ रुपये
– राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के लिए 1 हजार 500 करोड़ रुपये
– राज्य ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम हेतु 120 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित
– कक्षा 1 से 8 तक निःशुल्क किताबों के लिए 76 करोड़ रुपये और यूनिफॉर्म के लिए 40 करोड़ रुपये
– माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए 480 करोड़ रुपये
– दीनदयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल विद्यालय के लिए 26 करोड़ रुपये
– राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के लिए 167 करोड़ रुपये
– अहिल्याबाई निःशुल्क शिक्षा योजना के लिए 21 करोड़ रुपये
– महिला एवं बाल कल्याण के लिए 8 हजार 815 करोड़ रुपये
– महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत सबला योजना के लिए 351 करोड़ रुपये और बाल पुष्टाहार के लिए 3 हजार 780 करोड़ रुपये
– मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह योजना के लिए 250 करोड़ रुपये
– एकलव्य क्रीड़ा कोष की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपये मिले और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेताओं के लिए 3 करोड़ रुपये की राशि
– रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम के लिए 250 करोड़ रुपये और मेट्रो परियोजनाओं के लिए 500 करोड़ रुपये
– नगरों में विकास के लिए 300 करोड़ रुपये और कुम्भ मेले के लिए 1500 करोड़ रुपये
– स्मार्ट सिटी मिशन योजना के लिए 1650 करोड़ रुपये
– स्वच्छ भारत मिशन के लिए 1100 करोड़ रुपये, अमृत योजना के लिए 2200 करोड़ रुपये
– कान्हा गौशाला व बेसहारा पशु आश्रय योजना के लिए 98 करोड़ 50 लाख रुपये मिले
– अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 2757 करोड़ रुपये रखे हैं। इसके अलावा मदरसों के आधुनिकीकरण पर 404 करोड़ रुपये और आलिया
स्तर के मदरसों के लिए 246 करोड़ रुपये
– बुंदेलखंड योजना के लिए 650 करोड़ रुपये, लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे के लिए 500 करोड़ रुपये, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के लिये 500 करोड़ रुपये
– एक जनपद, एक उत्पाद योजना के लिये 250 करोड़ मुख्यमन्त्री युवा स्वरोजगार योजना के लिए 100 करोड़ रुपये
– स्टॉर्ट-अप फण्ड के लिए 250 करोड़ रुपये
– सड़कों के लिए 11343 करोड़ रुपये, पुलों के लिए 1817 करोड़ रुपये, फोर लेन सड़को के लिए 1600 करोड़ रुपये
– बिजली के लिए 29883 करोड़ रुपये की भारी रकम का इंतजाम
– पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिये 1000 करोड़ रुपये दिए