बजट:50 करोड़ आबादी को मिलेगा 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा कवर

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नई दिल्ली:वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट में लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए बड़ा तोहफा दिया है। वित्त मंत्री की घोषणा के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर दस करोड़ परिवारों को प्रधानमंत्री स्वास्थ्य संरक्षण योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवर प्रदान किया जाएगा।
इस फैसले से देश दस करोड़ परिवारों के तकरीबन 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा का कवच मिल जाएगा। यह कुल आबादी का करीब 40 फीसदी है। हाल में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य पर होने वाले व्यय को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की थी। इस रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य पर व्यय का 67 फीसदी लोगों को अपनी जेब से खर्च करना पड़ता है। जबकि केंद्र एवं राज्य सरकारों का व्यय महज 29 फीसदी होता है। जबकि स्वास्थ्य बीमा का योगदान करीब चार फीसदी है। यह रिपोटॅ 2014-15 में हुए स्वास्थ्य के व्यय के आंकड़ों पर निर्भर थी।
अभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत गरीब परिवारों को तीस हजार रुपये तक का बीमा कवर प्रदान किया जाता है। इसमें परिवार के पांच सदस्य शामिल है। यह राशि कम होने के कारण इसका बहुत ज्यादा फायदा लोगों को नहीं मिल पाता है। लोग सरकारी अस्पतालों में इलाज तक ही सीमित रहते हैं।
लेकिन पांच लाख रुपये की योजना में निजी अस्पतालों में भी लोगों को इलाज की सुविधा मिलेगी।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने वर्ष 2016-17 के बजट में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य संरक्षण योजना के तहत एक लाख रुपये के स्वास्थ्य कवर देने का ऐलान किया था। लेकिन पिछले दो सालों में इसका क्रियान्वयन नहीं हो पाया था। लेकिन अब नई घोषणा से जाहिर है कि सरकार इससे सुधारों के साथ लागू करना चाहती थी। चुनावी वर्ष में यदि सरकार इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करती है तो यह सरकार के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है। क्योंकि आज लोगों की कमाई का एक बड़ा हिस्सा इलाज पर खर्च हो जाता है। पूर्व में कई अध्ययन यह भी बताते हैं कि स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च के लिए लोग अपनी जमी-जायदाद आदि बेचने को विवश होते हैं जिससे वे गरीबी की रेखा से नीचे जा रहे हैं।
स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति खर्च
स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोटॅ के अनुसार स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति खर्च 3826 रुपये रहा जिसमें सरकारी व्यय महज 1108 रुपये तथा निजी व्यय इसके दोगुने से भी ज्यादा 2394 रुपये रहा। बता दें कि छोटे सा पड़ोसी देश श्रीलंका में भी स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति सरकारी व्यय भारत से दोगुना है।
स्वास्थ्य बीमा-
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष के दौरान स्वास्थ्य बीमा के जरिये स्वास्थ्य पर खर्च होने वाली राशि कुल व्यय का महज 3.7 फीसदी रही। यह राशि 17755 रुपये थी।
केंद्र की हिस्सेदारी-
स्वास्थ्य पर होने वाले कुल व्यय में केंद्र की हिस्सेदारी महज 37 फीसदी पाई गई जबकि राज्य सरकारें 63 फीसदी खर्च कर रही हैं।
निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा-
केंद्र सरकार की नई योजना से स्वास्थ्य क्षेत्र का विस्तार होगा। निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा। निजी स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और उनके इस्तेमालकर्ताओं की संख्या बढ़ने से दरों में प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा। वैसे, भी यदि सरकार इस योजना को बीमा के जरिये लागू करती है तो सरकार हर उपचार के लिए अपनी दरें तय करेंगी जिस पर निजी अस्पतालों को भी उपचार सुविधा देनी होगी। इस प्रकार सरकारी योजना स्वास्थ्य ढांचे को भी विस्तार देने वाली है।