गंगा की गोद में कल्पवासियों के देशी ठाठ

FARRUKHABAD NEWS जिला प्रशासन धार्मिक सामाजिक

फर्रुखाबाद: माघ मेला रामनगरिया का आयोजन होने में कुछ ही समय शेष है| शुभारम्भ से पूर्व कल्पवासियों का आना शुरू हो गया है| बिजली आदि के आभाव में कल्पवासी रेडियो पर ही अपना मनोरंजन करने व देश-विदेश का हाल जानने के लिये व्यस्त दिखे|
आधुनिकता के युग में यदि आप को अपना भारत देखना है तो रामनगरिया मेला जरुर जाये| कुछ दिनों में ही तम्बुओं का नगर बस जायेगा| कई जनपदों से श्रद्धालु यंहा कल्पवास के लिये पंहुचते है| प्रशासन उनके लिये राशन, बिजली, पानी व शौचालय की व्यवस्था भी करता है| वही कल्पवासी अपने लिये मनोरंजन के साधन तलाशते रहते है|
इस के चलते रामनगरिया मेले में कल्पवास करने के लिये पंहुचे कमालगंज के सथरा के नाथ बाबा लगभग 20 सालो ने मेले में कल्पवास कर रहे है| गुरुवार को उनका भी आश्रम तैयार हो रहा था| उनके कुछ शिष्य सर्दी भरी धूप में बैठकर रेडियो पर पुराने गाने बिंदिया चमकेगी, गंगा तेरापानी अमृत आदि पुराने नगमे सुनने में मशगुल दिखे| रेडियो पर नगमे सुन रहे नाथ बाबा के शिष्य राधेश्याम का कहना है की आधुनिकता के दौर में आम आदमी आगे कितना भी निकल जाये लेकिन भारतीय सभ्यता आज भी दमदार है| उन्होंने कहा की जो बात रेडियो में आता है वह कम्प्यूटर से नही मिलता| पुराने नगमे व समाचार आज भी वह रेडियो पर ही सुनते है|
गुरुवार को कई जगह कल्प वासी अपनी झोपड़ी तैयार करते मिले| वही असली ग्रामीण भारत की झलक चूल्हे पर मक्के की रोटी बना रहे संत को देखकर नजर आयी| निसाई के श्रीश्री पंचमुखी हनुमान मंदिर से आये साधु ने कहा वर्षो से वह रामनगरिया में कल्पवास कर रहे है| प्रशासन से उन्होंने मांग की है कि सफाई और बिधुत की विशेष व्यवस्था होनी चाहिए|