फर्रुखाबाद: भाईदूज पर जेल में बंद अपने भाईयों के माथे पर तिलक करने आयी बहनों को पता चला की उनकी मिलाई नही हो पायेगी| तो वह भड़क गयी |बहनों ने अफसरों तक को फोन कर दिये| जिसके बाद लगभग पांच घंटे लंबे इंतजार के साथ उनकी मिलाई शुरू हो सकी|
सेन्ट्रल जेल पर सुबह से ही महिलाओं का जेल में बंद भाईयों से मुलाकात करने को भीड़ एकत्रित होने लगी| दोपहर तक सैकड़ो महिलायें सेन्ट्रल जेल के बाहर हाथ में मिठाई का डिब्बा लिये खडी हो गयी| लेकिन जब उन्हें पता चला की मिलाई शनिवार अवकाश के कारण नही हो पायेगी तो वह आक्रोशित हो गयी| फिरोजाबाद से आयी सोमबती, कासगंज से आयी शारदा देवी, छिबरामऊ से आयी साबित्री देवी ने कहा की वह सुबह से भाई का भाईदूज पूजन करने केलिये अभी तक व्रत है|यदि मिलाई नही हुई तो वह यही लेट जायेगी|
लेकिन इसके बाद भी उनकी नही चली| बंदी रक्षको ने उन्हें मुख्य द्वार से किनारे खड़ा कर दिया| जिस पर महिलायें और भड़क गयी| उनकी बंदी रक्षकों से नोकझोंक हो गयी| उसी दौरान वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीपी त्रिपाठी पंहुच गये| अधीक्षक की कार के आगे गुरसहायगंज से आयी रामेश्वरी खड़ी हो गयी| जिसे बंदी रक्षको ने हटाया| महिलाओ की अधिक भीड़ देख जेल अधीक्षक कार से नीचे उतर कर उनसे बातचीत करने पंहुचे| उन्होंने सभी की मुलाकात कराने का भरोसा दिया| जिसके बाद महिलायें शांत हुई| बाद में प्रार्थना पत्र से मुलाक़ात करायी गयी| जिला जेल पर भीड़ अधिक रही लेकिन सुचारू रूप से मुलाक़ात करायी गयी|
जेल अधीक्षक वीपी त्रिपाठी ने जेएनआई बताया कि अवकाश के कारण मुलाकात कराने में असुबिधा हुई| लेकिन सभी की मुलाकात करायी जा रही है|