फर्रुखाबाद: गणेश चतुर्थी के इसदिन घर में मंगल कामना और सुख के लिए लोग अपने घरों में मंगलमूर्ति गणेश की प्रतिमा स्थापित करते हैं और नियम निष्ठा पूर्वक 10 दिनों तक इनकी पूजा करते हैं।वास्तुशास्त्र के अनुसार गणेश जी यूं तो हर रुप में मंगलकारी और विघ्न का नाश करने वाले हैं लेकिन अपनी चाहत के अनुसार गणेश की प्रतिमा या तस्वीर घर में लाएंगे तो आपकी मनोकामना जल्दी पूरी होगी।
आचार्य सर्वेश शुक्ला का कहना है कि गणेश जी प्रतिमा या तस्वीरों को घर में लगाते समय यह भी ध्यान रखें कि गणेश जी को किस दिशा में और कहां पर विराजमान करना आपके लिए लाभप्रद रहेगा। ऐसी गणेश की प्रतिमा जल्दी मनोकामना पूरी करती हैं| गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर जब घर लाएं तो सबसे पहले यह ध्यान रखें कि गणेश जी की सूंड बाएं हाथ की ओर घुमी हुई हो। ऐसी मान्यता है कि दाएं हाथ की ओर मुड़ी हुई सूंड वाली गणेश जी प्रतिमा की पूजा से मनोकामना सिद्घ होने में देर लगती है क्योंकि इस तरह की सूंड वाले गणेश जी देर से प्रसन्न होते हैं। गणेश जी प्रतिमा में यह भी ध्यान रखें कि गणेश जी सायुज और सवाहन हों। यानी गणेश जी के हाथों में उनका एक दंत, अंकुश और मोदक होना चाहिए।
गणेश जी एक हाथ वरदान की मुद्रा में हो और साथ में उनका वाहन मूषक भी होना चाहिए। शास्त्रों में देवताओं का आवाहन इसी रुप में होता है। जो लोग संतान सुख की कामना रखते हैं उन्हें अपने घर में बाल गणेश की प्रतिमा या तस्वीर लानी चाहिए। नियमित इनकी पूजा से संतान के मामले में आने वाली विघ्न बाधाएं दूर होती है। घर में आनंद उत्साह और उन्नति के लिए नृत्य मुद्रा वाली गणेश जी की प्रतिमा लानी चाहिए। इस प्रतिमा की पूजा से छात्रों और कला जगत से जुड़े लोगों को विशेष लाभ मिलता है। इससे घर में धन और आनंद की भी वृद्घि होती है।
गणेश जी आसान पर विराजमान हों या लेटे हुए मुद्रा में हों तो ऐसी प्रतिमा को घर में लाना शुभ होता है। इससे घर में सुख और आनंद का स्थायित्व बना रहता है। सिंदूरी रंग वाले गणेश को समृद्घि दायक माना गया है, इसलिए इनकी पूजा गृहस्थों एवं व्यवसायियों के लिए शुभ माना गया है।