फर्रुखाबाद: बीजेपी में गद्दारी करना कोई नई परम्परा नही है| यह पहले भी हुआ है और पहले भी बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी| एक तरफ सत्ता दूसरी तरफ जिले में चार बीजेपी के विधायक व खुद सांसद होने के बाद भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर बीजेपी प्रत्याशी की हार लोगो के गले नही उतरी| बीजेपी समर्थित प्रत्याशी की हार को पार्टी के भितरघात से जोड़ा जा रहा है|
पिछले जिला पंचायत के चुनावो पर अगर नजर डाले तो इस बार का जिला पंचायत बिल्कुल भिन्न था| सरकार का कोई दखल तक नही| सुबह से ही मुकेश के विरोधी प्रत्याशी की मदद में कौन-कौन बीजेपी नेताओ है इसका जिक्र चलता रहा| कई लोगो ने बीजेपी के कुछ जनप्रतिनिधो पर ही धोखा देने का आरोप लगाया| कुछ लोगो ने कहा कि फोन से कई बीजेपी के जनप्रतिनिधि सपा प्रत्याशी की मदद में लगातार सम्पर्क में है| सत्ता में मंगलवार को बीजेपी नही बल्कि सपा समर्थक नजर आये|
बीजेपी के नेता सुबह से ही सड़क पर नही दिखे| जबकि सपा के नेताओ का जमाबड़ा लगा रहा| माना जा रहा था की सांसद की प्रत्याशी राजकुमारी को हराने के पीछे पार्टी के कुछ लोग अपना पुराना बदला निकालने में लगे है| प्रशासन भी पूरी तरह से सख्त था|