लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पेट्रोल पंप पर हो रही तेल की चोरी पकड़ी गई। इसके बाद ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि लोग जितना पेट्रोल-डीजल डलवा रहे थे असल में उनको उससे 10-15 प्रतिशत कम ही मिल रहा था। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, घोटाले से पर्दा उठने के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि अगर देश में मौजूद कुल पेट्रोल पंपों में से 10 प्रतिशत ऐसा कर रहे होंगे तो सालाना 250 करोड़ रुपए का घोटाला हो रहा होगा। तेल मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल 59,595 पेट्रोल पंप हैं। उनमें से 3.5 करोड़ उपभोक्ता 2,500 करोड़ रुपए का पेट्रोल-डीजल भरवाते हैं।
ऐसा भी माना जा रहा है कि यूपी की स्पेशल टास्ट फोर्स (STF) ने जिन पेट्रोल पंपों का भांडा फोड़ किया है वे सब इस घोटाला का महज एक छोटा सा हिस्सा है। STF द्वारा पकड़े गए मुख्य आरोपी रवींद्र ने भी कबूला था कि यूपी के तकरीबन एक हजार पेट्रोल पंपों में चोरी करने वाली चिप लगी हुई है। रवींद्र ने पूछताछ में बताया कि वह इस चिप को लगाने के लिए पेट्रोल पंप मालिक से 40 से 50 हजार रुपए तक लेता था। उससे जानकारी मिलने के बाद STF ने पांच और पेट्रोल पंपों पर छापा मारा था। मुरादाबाद से दो इंजीनियर्स को पकड़ा गया था। एक अधिकारी ने पहले बताया था कि इस गोरखधंधे के पीछे एक बहुत ही बड़े गैंग का हाथ है। इस गैंग ने यूपी में ही नहीं देश के अन्य राज्यों में भी इस प्रकार का गोरखधंधा फैला रखा है।
ऐसे होती थी चोरी: पेट्रोल में धांधली करने के लिए 2 से 3 लोग काम पर होते हैं। एक पेट्रोल डालता है तो दूसरा व्यक्ति पैसों का बैग लेकर साथ में खड़ा रहता है। बैग वाले व्यक्ति के पास एक रिमोट होता है। चिप को पेट्रोल डालने वाले नोजल के नीचे लगाया जाता है। जैसे ही गाड़ी में पेट्रोल डलता है उस समय अपने हिसाब से बैग वाला व्यक्ति रिमोट का बटन दबा देता है। इससे गाड़ी में पेट्रोल डलना तो बंद हो जाता है लेकिन मशीन ग्राहक की मांग के अनुसार पेट्रोल और पैसे दिखाती रहती है। यह चिप और रिमोट बहुत ही आसानी से दिल्ली और कानपुर के बाजारों में एक से दो हजार रुपए में मिल जाते है।