Wednesday, December 25, 2024
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एक लीटर पेट्रोल पर 153 प्रतिशत टैक्स लगाकर बेचती है सरकार

दिल्ली: क्‍या आप जानते हैं कि मुंबई में पेट्रोल की कीमत अब देश में सबसे अधिक हो गई है। दरअसल राज्‍य सरकार ने वैट के साथ 3 रुपये का सूखा उपकर (ड्रॉट सेस) लगाया है। अब मुंबई में पेट्रोल की कीमत 77.50 रुपये प्रति लीटर है। अभी के डॉलर एक्सचेंज रेट और कच्चे तेल की कीमत को देखते हुए तेल कंपनियां 29.54 रुपये प्रति लीटर में पेट्रोल ले रही हैं। लेकिन मुंबई के उपभोक्ताओं तक पहुंचते-पहुंचते इसकी कीमत 77.50 रुपये प्रति लीटर हो जाती है। इस पर ग्राहकों को 47.96 रुपये प्रति लीटर का टैक्स देना पड़ रहा है। आईये हम आपको बताते हैं कि पेट्रोल पर सरकार क्या-क्या टैक्स लगाती है।

ऑयल कंपनियां रिफाइनरियों से 26.86 रुपये प्रति लीटर में तेल खरीदती हैं। इसके बाद ऑयल कंपनियों का तेल की मार्केटिंग में 2.68 रुपये प्रति लीटर का खर्च आता है। 21.48 रुपये प्रति लीटर केंद्रीय उत्पाद शुल्क लगता है। मुंबई के लिए 1.10 रुपये की चुंगी लगती है। यह सबकुछ मिलाकर एक लीटर पेट्रोल की कीमत 52.32 रुपये हो जाती है। इसके बाद 52.32 रुपये पर 26 फीसदी का वैट लगता है और 9 रुपये का टैक्स अलग से लगता है। एक लीटर पेट्रोल पर डीलर का कमीशन 2.58 रुपये होता है। यह सब मिलाकर अब मुंबई में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 77.50 रुपये हो जाती है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर मुंबई में पेट्रोल पर 153 फीसदी टैक्स वसूलती हैं। वहीं दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 68.26 रुपये है। वहीं भारत के करीबी देशों में पेट्रोल की कीमत देखें तो पाकिस्तान में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 43.68 रुपये है। श्रीलंका में 50.95 रुपये प्रति लीटर है। नेपाल में 64.24 रुपये प्रति लीटर है। बांग्लादेश में 70.82 रुपये प्रति लीटर है।

राज्य सरकार के 3 रुपये सेस लगाने के फैसले पर एक विशेषज्ञ ने बताया कि इससे होम डिलीवरी की सेवाएं महंगी हो जाएंगी। इसके अलावा इसका महंगाई पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि पेट्रोल का इस्तेमाल माल ढुलाई में नहीं किया जाता है। एक परिवहन विशेषज्ञ ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे निजी वाहनों के उपयोग में कमी आएगी। शहर में सड़कों पर जाम भी कम लगेगा और प्रदूषण भी कम होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को यह कहना चाहिए कि वह निजी ट्रांसपोर्ट को कम करना चाहती है और इस पैसे का इस्तेमाल वह सार्वजनिक परिवन को मजबूत करने में करेगी। हालांकि यह कीमत कारपूल करने वाले लोगों को भी प्रभावित करेगी।

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