Monday, December 23, 2024
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अविश्वास प्रस्ताव- बिना दूल्हे की बारात में दहेज़ पर मसक्कत, सगुना ही रहेगी अध्यक्षा!

फर्रुखाबाद: जिला पंचायत में अध्यक्षा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव बड़े ही ढोल पीट कर दे दिया गया है| मगर अगर अविश्वास प्रस्ताव आ गया तो अगला अध्यक्ष कौन बनेगा? अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित सीट है और दावेदार केवल पांच| एक वर्तमान में अध्यक्षा है और बाकी के चार के लिए कोई तैयार नहीं| अभी तक के हालात तो यही है| आगे की सम्भावनाओ में भविष्य का निर्णय छिपा हुआ है| तो ऐसे में बिना दूल्हे के ही बरात में अविश्वास प्रस्ताव का नाटक केवल आर्थिक पंचायत तक ही सीमित रहने का हल्ला भर दिखाई पड़ रहा है|

सवाल बड़ा किन्तु कटाक्ष भरा है| जिला पंचायत के कई सदस्यों की विजय के बाद कइयों ने महगी लक्सरी कारे खरीदी थी| इनमे से कई सदस्य ऐसे थे जिन्होंने इनकम टैक्स का रिटर्न तक दाखिल नहीं किया| और कई ऐसे जिन्होंने महगी लक्सरी कारो पर फर्राटा तो भरा मगर उसे इनकम टैक्स के रिकॉर्ड में नहीं दिखाया| तो ये कारे आयीं कहाँ से? जाहिर है जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में वोट डालने में कइयों को माल तो मिला ही था| सूत्रों से मिली खबर के अनुसार ये रकम 10 लाख से 25 लाख तक थी| अब ये रकम किसने किसको कैसे दिए और किसको नुक्सान हुआ और किसको फायदा, अविश्वास प्रस्ताव का लव्वोलवाव इसी में छुपा है|

अब अविश्वास प्रस्ताव तो 20 सदस्यों ने जिलाधिकारी को सौप दिया है मगर अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद अगर प्रस्ताव पास हो गया तो अगला अध्यक्ष कौन बनेगा इस पर ही सारा दारोमदार टिका हुआ है| सदस्यों से चर्चा के बाद जो निष्कर्ष निकल कर अब तक सामने आया है उसके मुताबिक जिला पंचायत में अध्यक्ष पद के लिए जो नाम सामने है उनमे से लक्ष्मी रीटा, रिंकी कुमारी, ज्ञान देवी, सुरभि दोहरे गंगवार और सगुना देवी है| अब चर्चा इन नामो पर| सगुना देवी और सुरभि को छोड़ कर बाकी के तीनो नाम रिंकी, ज्ञान देवी और लक्ष्मी रीटा के पीछे किसी न किसी नेता का नाम और हाथ है| लिहाजा इन तीनो नामो में से एक लिए भी सहमति किसी भी कीमत पर बनती नहीं दिख रही है| सपा से जिला पंचायत चुनाव जीतने के बाद सपा से विधानसभा चुनाव लड़ कर हार चुकी सुरभि दोहरे गंगवार को भाजपा तो नहीं पचाने वाली| क्योंकि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले टिकट के लालच में सुरभि भाजपा छोड़ कर सपा में चली गयी थी| तो कुल मिलाकर निष्कर्ष यह निकलने की उम्मीद है की अंत में आर्थिक पंचायत के बाद सगुना देवी ही जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान रह सकती है

इस पूरे अविश्वास प्रस्ताव के खेल में जो संभावना प्रबल दिखाई दे रही है वो है सगुना देवी और अजीत कठेरिया साइकिल छोड़ कमल का दामन थाम ले| चूँकि विधानसभा चुनाव में टिकट कटने के बाद अजीत कठेरिया समाजवादी पार्टी में भी किनारे लगा दिए गए है| इसके बाद अजीत ने भाजपा के नेताओ और जनप्रतिनिधिओ से सम्पर्क साध रखा है| तो अगले कुछ दिनों में फर्रुखाबाद की जिला पंचायत में एक पहले से लिखी पटकथा का पटाक्षेप होने वाला है जिसका केवल और केवल आर्थिक गणित ही है|

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