फर्रुखाबाद: सीएम योगी के सख्त निर्देश के बाद हरकत में आये प्रशासन ने जिले भर की मीट दुकानों को बंद तो करा दिया लेकिन यदि यह अबैध थी तो फिर अभी तक कैसे चल रही थी| यह कोई अफसर बोलने को तैयार नही| खाद्य मानको की आग में एक भी दुकानों को पकाया नही गया| जिसके चलते वर्तमान में विभाग के पास एक भी पंजीकरण नही है|
एक सर्वे पर यदि नजर डाले तो पता चलता है की जनपद में लगभग ढाई सौ से लेकर तीन सौ तक मीट की छोटी बड़ी दुकाने अब तक संचालित हो रही थी| जिन्हें फ़िलहाल बंद करा दिया गया| अभी तक इन दुकानों को खाद्य सुरक्षा विभाग ने चेक किया या नही या तो खुद जाने या खुदा| विभाग के पास मीट व्यापरियों की सूची तक उपलब्ध नही है|
मानको के आधार पर यदि नजर डाले तो 12 लाख से कम आये वाले का विभाग केवल पंजीकरण करता है और इसके अधिक आय वाले का लाइसेंस जारी किया जाता है| जो थोक विक्रेता की श्रेणी में आता है| विभागीय अफसरों का कहना है की बीते वर्षो में कुछ पंजीकरण किये गये थे लेकिन बाद में उन्होंने अपना नवीनीकरण की नही कराया| जब प्रयास किया तो सत्ता से जुड़े लोगो ने दबाब बनाया जिससे कार्य नही हो सका| योगी सरकार के एक्शन के बाद अभी फ़तेहगढ़ क्षेत्र के मछलीमंडी निवासी रामनिवास पुत्र ज्ञान चन्द्र ने मीट की थोक बिक्री का व उनके पुत्र संजीब वाथम ने फुटकर बिक्री करने के लिये खाद्य सुरक्षा विभाग में आवेदन किया है|
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी पंकज कुमार राय ने बताया की सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य किया जा रहा है| बिना रजिस्ट्रेशन कोई भी दुकान चलने नही दी जायेगी|