प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए एक बार फिरलोकसभा और विधानसभाओं का चुनाव एक साथ कराने पर सभी राजनीतिक दलों से चर्चा करने का अपील किया है. पीएम ने कहा कि चुनावों की वजह से भारत जैसे गरीब देश पर आर्थिक बोझ बढ़ता है और सुरक्षा बलों का दायित्व भी बढ़ जाता है, इसलिए सभी को इस विषय पर विचार करना चाहिए.
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति जी ने हम सबसे आहवान किया है कि लोकसभा, विधानसभा चुनाव को एक साथ कराने पर विचार करने का समय आ गया है. ‘‘ हर किसी को थोड़ा नुकसान होगा. लेकिन राजनीतिक तराजू पर नहीं तौल गंभीरता से सभी को सोचना होगा.’’ मोदी ने कहा कि हर साल 4-5 चुनाव होते हैं. अध्यापकों को लगना पड़ता है. शिक्षा को नुकसान होता है. खर्च भी बढ़ रहा है. 2009 के लोकसभा चुनाव में 1100 करोड़ रपये खर्च हुआ था जबकि 2014 में 4000 करोड़ से ज्यादा खर्च हुए.
उन्होंने कहा कि इस गरीब देश पर कितना बोझ पड़ रहा है. दुश्मन देश हमारे खिलाफ साजिश करते रहते हैं, इसके साथ आतंकवाद, प्राकृतिक आपदाओं के कारण सुरक्षा बलों के सामने चुनौती है. इस स्थिति में भी इन बलों को चुनाव प्रबंधन में बड़े स्तर पर लगाना पड़ रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कोई एक पार्टी ऐसा नहीं कर सकती, सरकार तो कर ही नहीं सकती. हमें मिलकर रास्ता खोजना होगा. दिव्यदृष्टा के रूप में जिम्मेदार, अनुभवी लोगों को रास्ता खोजना होगा.’’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के इस सुझाव को आगे बढ़ाना चाहिए.