नई दिल्ली:यूपी के सत्तारूढ़ दल समाजवादी पार्टी में ‘घमासान’ आज जारी है। रामगोपाल यादव आज विधायकों के अखिलेश को समर्थन वाले 200 से ज्यादा विधायकों के एफिडेविट चुनाव आयोग को सौंपेंगे। पार्टी में मचे घमासान को शांत करने के लिए शुक्रवार को कई बैठकें हुईं, लेकिन पिछले तीन महीने से चल रहा घमासान सुलझ नहीं पाया। शुक्रवार को सुलह की खबर आई थी, लेकिन महत्वाकांक्षाओं की टकराहट में बात फिर बिगड़ गई।
एक तरफ लखनऊ में घमासान को सुलझाने की कोशिश चल रही है तो दूसरी तरफ दिल्ली में पार्टी पर कब्जे की रणनीति। मुलायम सिंह यादव ने चुनाव आयोग से मुलाकात के लिए सोमवार को वक्त मांगा है तो रामगोपाल यादव आज विधायकों के अखिलेश को समर्थन वाले 200 से ज्यादा विधायकों के एफिडेविट चुनाव आयोग को सौंपेंगे। इस कानूनी दांवपेंच के बीच सुलह की कोशिशें भी लगातार चल रही हैं, लेकिन सूत्रों के मुताबिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का पेच सुलह के रास्ते में रोड़ा बन हुआ है। अखिलेश चुनाव निपट जाने तक पद छोड़ने को राजी नहीं हैं।
शुक्रवार को सुबह से लेकर शाम तक अखिलेश खेमा अपने आपको सपा का असली हकदार बताने में जुटा रहा। उधर, मुलायम खेमा भी अध्यक्ष पद को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं है। चुनावी गठजोड़ के लिए अखिलेश खेमा अब कांग्रेस से तालमेल की तैयारी भी कर रहा है। लखनऊ में सुबह से शाम तक मुलाकातों और बातचीत के कई दौर के बाद अंतत: मुलायम मीडिया से बातचीत करने के लिए तैयार हुए, पर ऐन वक्त पर मध्यस्थ बने आजम खां ने प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द करा दी।
लखनऊ में 4, विक्रमादित्य मार्ग स्थित मुलायम सिंह आवास पर सुबह से नेताओं के आने और मिलने का सिलसिला शुरू हुआ। पहले अमर सिंह वहां पहुंचे और कुछ ही समय बाद वहां से लौट कर अपने गोमती नगर स्थित आवास आ गए। शिवपाल यादव मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने 5, कालिदास मार्ग चले गए। इस बीच चर्चा रही कि अमर सिंह ने पार्टी ने इस्तीफे की पेशकश की है और खुद का इसका ऐलान करेंगे। पर बाद में ऐसा हुआ नहीं। इसके बाद शिवपाल ने मुलायम से मुलाकात की। वहां पर बेनी प्रसाद वर्मा व नारद राय को बुला लिया गया। अमर सिंह दुबारा मुलायम के यहां पहुंचे। इनकी बातचीत के बाद अमर सिंह निकल गए। उनके जाने के बाद आजम खां मुलायम से मिलने गए।
इनके बीच खासी अहम बातचीत हुई। सुबह से सुलह के फॉर्मूले पर दोनों पक्षों के नेताओं में सहमति बनाने की कोशिशें होती रहीं। बताया जा रहा है कि अमर सिंह ने मुलायम से कह दिया कि वह सुलह के लिए पीछे हटने को तैयार हैं और वह त्यागपत्र दे देंगे। वहीं, शिवपाल भी राष्ट्रीय राजनीति में जाने का तैयार हैं। सपा सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव हर हाल में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद अपने पास रखना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि अमर सिंह को सपा से बाहर करने का ऐलान किया जाए और शिवपाल प्रदेश अध्यक्षी छोड़ें। टिकट बांटने में वह पूरी आजादी चाहते हैं।
इधर, मुलायम खेमा भी अध्यक्ष पद पर दावा छोड़ने को तैयार नहीं है। उनकी शर्त है कि रामगोपाल को पार्टी से बाहर रखा जाय और शिवपाल को केंद्रीय राजनीति में अहमियत व बेटे को टिकट दिया जाए। टिकट बांटने में शिवपाल व मुलायम समर्थकों को तवज्जो मिले। सूत्र बताते हैं कि अमर सिंह ने खुद को पीछे करने के लिए तैयार कर लिया है। उन्होंने मुलायम सिंह यादव से कह दिया है कि अगर उनको किनारे कर देने या निकाल देने से सुलह हो जाती है तो वह इसके लिए तैयार हैं। उन्हें कोई एतराज नहीं है।
उधर, शिवपाल यादव भी अखिलेश यादव खेमे की इस शर्त को मानने को तैयार हैं कि वह प्रदेश अध्यक्ष नहीं रहेंगे और प्रदेश की राजनीति