लखनऊ:समाजवादी पार्टी (सपा) में जारी सियासी कलह के बीच पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव की ओर से रविवार को यहां बुलाए गए सपा के आपात राष्ट्रीय अधिवेशन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। अखिलेश को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पार्टी महासचिव रामगोपाल ने रखा। उन्होंने अधिवेशन में मौजूद लोगों से हाथ उठाकर इसका समर्थन जताने को कहा, जिसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने हाथ उठाकर अपना समर्थन जताया।
पार्टी में तीन अन्य प्रस्ताव भी लाए गए, जिनमें से एक मुलायम को सपा का ‘मार्गदर्शक’ बनाने का प्रस्ताव था। एक अन्य प्रस्ताव में शिवपाल सिंह यादव को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की बात कही गई, जबकि एक अन्य प्रस्ताव में अमर सिंह को सपा से बर्खास्त करने की बात कही गई। अधिवेशन में मौजूद प्रतिनिधियों ने उत्साह के साथ इन प्रस्तावों का समर्थन किया और हाथ उठाकर समर्थन जताया। इसी के साथ शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया और अमर सिंह को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सभी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जो प्रस्ताव हुए वह उन लोगों के खिलाफ हैं जिन्हें पार्टी के खिलाफ काम किया है। उन्होंने कहा हमारे लिए नेताजी का स्थान सबसे ऊंचा और महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अगर नेताजी के खिलाफ कोई साजिश हो तो उनका बेटा होने के नाते मेरा फर्ज है कि मैं साजिश को सामने लाऊं। अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी का जहां नुकसान होगा वहां कार्रवाई करना पड़ेगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी में ऐसे लोग हैं जो सरकार बनाना नहीं चाहते हैं, लेकिन सरकार बनेगी तो नेताजी को सबसे ज्यादा खुशी होगी। उन्होंने कहा कि लोग चाहते हैं कि पार्टी की सरकार एक बार फिर बने। उन्होंने कहा कि 3-4 महीने सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं. ऐसे में यह सब पार्टी को नुकसान पहुंचाएगा. उन्होंने पार्टी विधायकों और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद दिया कि पार्टी का मनोबल अभी तक कम नहीं हुआ है।