Thursday, December 26, 2024
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जाति-बिरादरी व धर्म की सीमाओं से ऊपर उठकर बने समाज

adbhavana-divasफर्रुखाबाद: जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द और सदभावना मंच के द्वारा मानवाधिकार दिवस पर आयोजित गोष्ठी में कहा गया की समाज में जाति-बिरादरी और धर्म की सीमाओ में समाज को नही बांधना चाहिए| इन सभी से ऊपर उठकर समाज की स्थापना करने की जरूरत है|

शहर के अंजुमन शमसुल विधालय में आयोजित गोष्ठी में मौलाना बहाबुद्दीन ने मानव को सर्वश्रेष्ठ योनि के का रूप बताया| लेकिन इंसान खुद ही अपने से कमजोर पर जुल्म करने लगा| उन्होंने कहा कि कुरान कहता है जिसमे एक हत्या बिना वजह की उसने समस्त मानवता की हत्या की| उन्होंने कहा की दूसरी जगह मो० साहब ने फरमाया किया की जिसने भरपेट भोजन किया और पड़ोसी भूखा रहा तो उसकी खुराक हराम है|

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ० रामकृष्ण राजपूत ने कहा की जाति धर्म और समाज की सीमाओ से ऊपर उठाकर हमे समाज की स्थापना करनी पडती है| जबाहर सिंह गंगवार ने कहा की हम सभी को पाखंडियों से बचने की जरूरत है| इस दौरान युनुस अंसारी, शाकिर अली, हफीज खां ने सभी का स्वागत किया| अनीस अहमद, धनीराम पाल, साजिद अली, हाजी महबूब, हाजी सुल्तान, आफताब मंसूरी आदि मौजूद रहे|

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