फर्रुखाबाद:(दीपकशुक्ला) स्वास्थ्य विभाग के काम चलाऊ प्रयास के बाद भी जिले में बीते 14 वर्षो के भीतर एचआईबी से ग्रसित मरीजो की संख्या 464 पंहुच गयी है| प्रति वर्ष दर्जनों की संख्या में लोग एचआईवी के शिकार होते जा रहे है और विभाग अपने ही हाथ से अपनी ही पीठ ठोंक रहा है|
लोहिया अस्पताल के एकीकृत परामर्श एवं प्रशिक्षण केंद्र आसीटीसी से प्राप्त आंकड़ो के अनुसार वर्ष 2002 से 2016 तक एचआईवी के मरीजो की संख्या 464 पर पंहुच गयी है| आंकड़ो पर नजर डाले तो 14 वर्षो में लगभग 79251 मरीजो का परीक्षण किया गया जिसमे 464 को एचआईवी निकला| जिनका इलाज चल रहा है| वर्ष 2002 में 106 मरीजो की जाँच की गयी जिसमे 6 को एचआईवी निकला|इसके साथ ही साथ 2003 में 216 मरीजो की जाँच 15 को एचआईवी, 2004 को 236 में से 4 , 2005 में 220 13, 2006 162 में 18 , वर्ष 2007 में 2261 में से 25,वर्ष 2008 में हुई 4330 की जाँच में 23 को एचआईबी निकला|
वर्ष 2009 में 3725 की जाँच में 56 को एचआईवी निकला, वर्ष 2010 में 3649 की जाँच में 39 को एचआईवी निकला| वर्ष 2011 में 2961 की जाँच की गयी जिसमे से 28 को एचआईवी निकला, वर्ष 2012 में 364 की जाँच में 34 को एचआईवी निकला| 2013 में 4308 में 70 को, 2014 में 4863 लोगो की जाँच में 50 को एचआईवी, 2015 में 5110 की जाँच हुई और 42 को एचआईवी निकला| 1 दिसम्बर 2015से 1 दिसम्बर 2016 तक हुई कुछ जांचो में 41 को एचआईवी से ग्रसित पाया गया|
आसीटीसी परामर्शदाता नीतू वर्मा ने बताया कि एचआईवी का वायरस 20 वर्ष तक मरीज के शरीर में रहता है उसके बाद वह एड्स का रूप ले लेता है| जिले के सभी 464 एचआईवी ग्रसित लोगो का उपचार किया जा रहा है| एचआईवी पीड़ित व्यक्ति का नाम पता गुप्त रखा जाता है| अन्य लोगो को जागरूक करने का कार्य लगातार जारी है|