फर्रुखाबाद: बीते 18 साल पूर्व तत्कालीन शहर कोतवाल दीवान गिरी और उप निरीक्षक के खिलाफ दायर याचिका में बड़ा फैसला आया| पत्रकार की याचिका पर एसीजेएम ने शनिवार ने तत्कालीन शहर कोतवाल और दरोगा को दो वर्ष का कारावास और अर्थ दंड से दंडित किया है|
पत्रकार सर्वेन्द्र कुमार उर्फ़ इंदु अवस्थी निवासी छक्का-नाजिर कूंचा ने तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक दीवान गिरी और तत्कालीन तिकोना चौकी इंचार्ज केशवराम मिश्रा के खिलाफ धारा 147,342,323,504,506,220 (मारपीट, धमकी आदि धाराओ) में याचिका 27 जनवरी 1998 को दायर की थी| न्यायाधीश ने याचिका को मान्य करते हुये दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये गये थे | तत्कालीन शहर कोतवाल दीवान गिरि ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुये न्यायालय द्वारा जारी किए गए आदेश की प्रति लगाकर न्यायालय में निगरानी याचिका दायर कर दी।
याचिका की सुनवाई करते हुए सीजेएम ने 22 अगस्त 2000 को दोनों आरोपियों को धोखाधड़ी व चोरी करने के मामले में सुनवाई के लिए तलब कर लिया। इस मामले में अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता शशिभूषण दीक्षित व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। वहीं चोरी के मामले में साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया। सजा में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अतीकउद्दीन ने दो वर्ष की सश्रम कैद व दो-दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर तीन माह की अतिरिक्त कैद के भी आदेश दिए हैं।