नई दिल्ली:बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने भले ही उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के लिए टिकट वितरण में बढ़त ले ली है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी अभी जल्दबाजी में नहीं है। भाजपा उत्तर प्रदेश के चुनावी समर में टिकटों की घोषणा तभी करेगी जब चुनाव आयोग चुनाव की तारीखें घोषित कर देगा। टिकटों की घोषणा न होने से भाजपा के संभावित प्रत्याशियों में जबरदस्त खींचतान चल रही है।
बीजेपी में अभी आंतरिक तौर पर चुनाव लड़ने वालों के कद और कार्य का मूल्यांकन चल रहा है। पार्टी में उन लोगों का ध्यान भी रखा जाना है जो दूसरे दलों से इंपोर्ट किए गए हैं। भले ही बसपा ऐसे लोगों को अपना ‘रिजेक्टेड माल’ बता रही है लेकिन भाजपा उन्हें पूरी अहमियत देगी। इसलिए दूसरे दलों से आए नेताओं और उनके समर्थकों को भी टिकट देने पर मंथन हो रहा है। जिले और प्रदेश कमेटियों से नामों पर फीडबैक लिया जा रहा है। बसपा और सपा ने भले ही उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के लिए टिकट वितरण में बढ़त ले ली है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी अभी जल्दी में नहीं है। भाजपा उत्तर प्रदेश के चुनावी समर में तभी टिकटों की घोषणा करेगी जब इलेक्शन कमीशन चुनाव का कार्यक्रम जारी कर देगा।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने आईबीएन खबर से बातचीत में कहा कि भाजपा विचारों की पार्टी है न कि व्यक्ति विशेष की। इसलिए टिकट वितरण में कोई हड़बड़ी नहीं है। सिस्टम के तहत ही काम हो रहा है। व्यक्तिवादी पार्टियों ने टिकट वितरित कर दिया है, इससे हम पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा। जिताऊ प्रत्याशियों को ही टिकट दिया जाएगा, इसका ध्यान रखा जा रहा है। शर्मा का कहना है कि दूसरी पार्टियों से आ रहे नेताओं के कारण पार्टी का विस्तार बढ़ा है। उनका भी ध्यान रखा जाएगा। लेकिन पुराने कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
मालूम हो कि बसपा और सपा ने ज्यादातर सीटों पर टिकटों का वितरण कर दिया है। जबकि भाजपा में अभी इसे लेकर मंथन चल रहा है। हर सीट पर पांच-छह पदाधिकारी दावेदार हैं ऐसे में उनमें टिकट को लेकर खींचतान चल रही है। जानकारों का कहना है टिकट वितरण में देरी से पार्टी को नुकसान हो सकता है।
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