विश्व फोटोग्राफी दिवस: श्रेष्ठ फोटो का निर्माण करता है श्रेष्ठ मस्तिष्क

FARRUKHABAD NEWS सामाजिक

FOTO GRAFI DIVAS CHNDRSHEKR KTIYARDEEPAK1फर्रुखाबाद: इस संसार में प्रकृति ने प्रत्येक प्राणी को जन्म के साथ भी एक कैमरा दिया है जिससे वह संसार की प्रत्येक वस्तु की छवि अपने दिमाग में अंकित करता है। वह कैमरा है उसकी आँख। इस दृष्टि से देखा जाए तो प्रत्येक प्राणी एक फोटोग्राफर है। वैज्ञानिक तरक्की के साथ-साथ मनुष्य ने अपने साधन बढ़ाना प्रारंभ किया और अनेक आविष्कारों के साथ ही साथ कृत्रिम लैंस का भी आविष्कार हुआ। समय के साथ आगे बढ़ते हुए उसने इस लैंस से प्राप्त छवि को स्थायी रूप से सहेजने का प्रयास किया। इसी प्रयास की सफलता वाले दिन को अब हम विश्व फोटोग्राफी दिवस के रूप में मनाते हैं। इसी क्रम में शहर के एशियन कम्प्यूटर में आयोजित विश्व फोटो ग्राफी दिवस कार्यक्रम में वरिष्ठ फोटो ग्राफर चंद्रशेखर कटियार को सांसद मुकेश राजपूत व पूर्व एमएलसी मनोज अग्रवाल आयोजन समिति संयोजक सुरेन्द्र पाण्डेय सहित सभी ने वरिष्ठ छायाकार स्व0 रामनारायण पाण्डेय की स्मृति में चन्द्रशेखर कटियार को पुष्पमाला, स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। ने उन्हें प्रतीक चिन्ह देकर व शाल उढ़ाकर सम्मानित किया|

सांसद मुकेश राजपूत ने अतीत के गौरवशाली इतिहास के 300 वर्ष पुरानी पेंटिंग सीताराम पेन्टर के द्वारा, टाउन हाल की दृश्य, पुराना चैक का दृश्य, फतेहगढ़ की पेंटिंग जो लन्दन संग्रहालय से प्राप्त हुई की सराहना की, और कहा फोटो बचपन की यादें भविष्य स्मृतियां बन जाती हैं| सांसद ने कहा कि फोटोग्राफी का आविष्कार जहाँ संसार को एक-दूसरे के करीब लाया, वहीं एक-दूसरे को जानने, उनकी संस्कृति को समझने तथा इतिहास को समृद्ध बनाने में भी उसने बहुत बड़ी मदद की है। आज हमें संसार के किसी दूरस्थ कोने में स्थित द्वीप के जनजीवन की सचित्र जानकारी बड़ी आसानी से प्राप्त होती है, तो इसमें फोटोग्रोफी के योगदान को कम नहीं किया जा सकता।पूर्व एमएलसी मनोज अग्रवाल ने कहा कि वैज्ञानिक तथा तकनीकी सफलता के साथ-साथ फोटोग्राफी ने भी आज बहुत तरक्की की है। आज व्यक्ति के पास ऐसे-ऐसे साधन मौजूद हैं जिसमें सिर्फ बटन दबाने की देर है और मिनटों में अच्छी से अच्छी तस्वीर उसके हाथों में होती है। किंतु सिर्फ अच्छे साधन ही अच्छी तस्वीर प्राप्त करने की ग्यारंटी दे सकते हैं, तो फिर मानव दिमाग का उपयोग क्यों करता? तकनीक चाहे जैसी तरक्की करे, उसके पीछे कहीं न कहीं दिमाग ही काम करता है। यही फर्क मानव को अन्य प्राणियों में श्रेष्ठ बनाता है। फोटोग्राफी में भी अच्छा दिमाग ही अच्छी तस्वीर प्राप्त करने के लिए जरूरी है।

एशियन कम्प्यूटर इंस्टीट्यूट, मीडिया सेन्टर एवं विश्व फोटोग्राफी दिवस आयोजन समिति फर्रुखाबाद द्वारा प्रेस छायाकार मीडिया कर्मियों ने छायांकन में कैमरा की पैनी नजर से फोटोग्राफी प्रर्दशनी का आयोजन किया। जिसमें नगर की समस्याओं में पर्यावरण, बाढ़, एतिहासिक धरोहर की कला संस्कृति, धर्मकर्म, बढ़ती हुई जनसंख्या का दवाव आदि विषयों को लेकर छायाचित्रों को वरिष्ठ छायाकार चन्द्रशेखर कटियार, रवीन्द्र भदौरिया, अंशुल गंगवार, जितेन्द्र ‘टिंकू’, राजीव शुक्ला, अनुराग पाण्डेय, दीपक शुक्ला, गौरव तिवारी ‘सीपू’, सचिन कटियार आदि ने अपने चित्रों का प्रदर्शित किया।मीडियाकर्मियों में धीरज अग्निहोत्री, संजय अग्निहोत्री, लक्ष्मीकांत भारद्वाज, मोहन लाल गौड़, सूर्या बाजपेई, अजीत अग्निहोत्री ने पत्रकारों के जुझारूपन के कार्य करने के लिये प्रेस छायाकारों की सराहना की और संगठित रूप से कार्य करने के लिये आवहन किया।