Monday, December 23, 2024
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सी.पी. इंटरनेशन स्कूल की कु.अवंतिका गीत, संगीत, वेश एवं अभिनय में प्रथम

shrvesh shukla12फर्रुखाबाद: संस्कार भारती की जनपद स्तरीय अंर्तविद्यालयी मानस लोक गायन प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में बीस से अधिक विद्यालयों के मानस लोक गायन प्रतियोगिता के विद्यालय स्तरीय प्रथम पुरस्कार विजेता छात्र-छात्रायें अपने मानस कौशल से ‘त्रेता और त्रेता के राम’ को साकार कर रहे थे। सभी प्रतियोगियों की प्रस्तुति एक से बड़ कर एक थी कि निर्णयको को निर्णय देने में मसक्कत करनी पड़ी।

सी.पी. इंटरनेशन स्कूल की कु० अवंतिका द्विवेदी ने स्वयं तुलसी रूप में आकर प्रस्तुति देकर गीत, संगीत, वेश एवं अभिनय के द्वारा जनपद में प्रथम पुरस्कार जीता, उनके मानस माधुर्य की मोहिनी में बहुत देर तक हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा। कायमगंज के किरन पब्लिक स्कूल के छात्र अंश अग्निहोत्री को द्वितीय पुरस्कार एवं जे.एन. मेमोरियल स्कूल की कु. कनक दीक्षित को उनके भाव प्रणव पाठन पर तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। कायमगंज की शकुन्तला देवी महिला विद्यालय की कु. एलीना खान को मानस गायन में विशेष पुरस्कार दिया गया।

गोस्वामी तुलसीदास जयंती सप्ताह ;3 से 10 अगस्त के अन्तर्गत आयोजित इस मानस लोक गायन श्रृंखला के कार्यक्रमों में जनपद के बीस से अधिक विद्यालयों के 10 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की। कार्यक्रम संस्कार भारती के कला साधक मुख्य अतिथि आचार्य ओमप्रकाश मिश्र कंचन, सी.पी. इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य उमेश चन्द्र जैन, संस्कार भारती कायमगंज के अध्यक्ष शरद अग्रवाल, प्रमोद अग्रवाल, कार्यक्रम संयोजक सी.वी. तिवारी, प्रान्तीय लोक विधा संयोजक रवीन्द्र भदौरिया, नाट्य विधा प्रमुख नवीन मिश्रा नब्बू, कोषाध्यक्ष आदेश अवस्थी, भारती मिश्रा, डा. सर्वेश श्रीवास्तव, संगठन मंत्री अनुभव श्रीवास्तव, आचार्य सर्वेश शुक्ला, आकाश शुक्ला, अनुराग पाण्डेय आदि ने गोस्वामी तुलसीदास , मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम, ज्ञान की देवी सरस्वती के समक्ष पूजन अर्चन एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

विद्यालय की शिक्षिका सुश्री नन्दिता जैन ने सहयोगियों के साथ अतिथियों आगन्तुकों का चन्दन, वन्दन सहित अभिनन्दन किया। मुख्य अतिथि ने राम चरित मानस को विश्व का अद्वितीय ग्रन्थ बताया जो विषम परिस्थितियों में मानव को जीने का मार्ग दिखाता है। संयोजक सी.वी. तिवारी ने कहा कि कोई भी समाज, संस्कृत अथवा राष्ट्र अपनी धर्म एवं संस्कृति को विषमृत करके कभी भी महान नहीं हो सकता। कोई भी राष्ट्र अपनी जीवनी शक्ति अपनी सांस्कृतिक थाती से ही प्राप्त करता है। नयी पीढ़ी के बालक बालिकाओं को उनके सांस्कृतिक मूल्य, पहचान और आदर्शो से परिचित करना ही इस कार्यक्रम का उद्देश्य है। कार्यक्रम में संगीत शिक्षिक दयानन्द शर्मा, कार्यक्रम व्यवस्थापक श्रीमती फहमीदा रजा एवं नन्दिता जैन एवं गौरव वर्मा के सफल संयोजन एवं मेहनत की झलक साफ दिखाई दे रही है। कार्यक्रम का सफल संचालन सुश्री माहीन खान ने किया। प्रधानाचार्य उमेश चन्द्र जैन ने धन्यवाद दिया|

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