मुंबई: देश के सबसे लोकप्रिय बाघ जय की खोज के लिए लगभग 400 गांवों में पिछले एक सौ दिन से चल रहा खोज अभियान अब भी जारी है। यह विदर्भ क्षेत्र में नागपुर के निकट उमरेद कारहांडला वन्यजीव अभ्यारण्य से लापता है।
वन्यजीव वार्डन रोहित कारू ने उमरेद से बताया कि हमने 400 से ज्यादा गांव और तमाम मुमकिन वन क्षेत्र छान मारे हैं, जहां हमें लग रहा था कि जय हो सकता है। उसे 18 अप्रैल को आखिरी बार देखा गया था। यह पूछे जाने पर कि क्या जय शिकारियों के हाथ लग गया है, कारू ने कहा कि इसकी आशंका बहुत कम है। वह काफी लंबा सफर तय करने के बाद अभ्यारण्य में आया था। वह कहीं भी हो सकता है। हालांकि एक अन्य वन अधिकारी ने इस आशंका से इंकार नहीं किया। देश का सबसे लोकप्रिय बाघ जय पिछले काफी दिनों से लापता है। उसकी खोज के लिए लगभग 400 गांवों में पिछले सौ दिनों से खोज अभियान चल रहा है। सरकार ने जय की सूचना देने वाले को 50000 इनाम देने का ऐलान कर दिया है।
उन्होंने कहा कि एक बाघ और वह भी जय जितना शानदार और रोबिला बाघ, अगर खाल और शरीर के बाकी हिस्सों की बात करें तो उसकी कीमत अन्तरराष्ट्रीय बाजार में एक करोड़ रूपए से ज्यादा है। प्रसिद्ध फिल्म शोले में अमिताभ बच्चन के मशहूर किरदार ‘जय’ के नाम पर इस बाघ का नाम रखा गया है। वह तीन वर्ष पूर्व चर्चा में आया था, जब गांवों, नदियों और खतरनाक सड़कों को पार करता हुआ वह तमाम दुश्वारियों के बाद अभ्यारण्य में पहुंचा था। सात साल का जय 250 किलोग्राम वजन का है और वह यहां पर्यटकों और पशु संरक्षकों का खास पसंदीदा था। राज्य सरकार ने जय की खोज खबर देने वाले को 50 हजार रुपए का इनाम देने का ऐलान किया है। उसकी सुरक्षा के लिए स्थानीय लोगों ने पूजा का आयोजन किया।