फर्रुखाबाद: जनपद में एक गाँव के हालात यह है कि यंहा कुंबरो की शादी तक नही हो पा रही है| कुंबरे लडके जवान होते ही उनके माँ बाप को शादी की चिंता सताने लगती है यह चिंता लड़के के उम्र ढलने और माँ-बाप के वृद्ध होने तक चलती और बाद में अपने आप समाप्त हो जाती है| गाँव में कुंबरे लडको संख्या लगभग 100 सैकड़ा हो गयी है| जिनको सात फेरे लेना भी नसीब नही हो रहा है | इसका नतीजा ये हुआ है कि कुँवारे कई युवा अब बाहर जाकर अपने लिए दुल्हनों की तलाश करने लगे हैं|
विकास खंड राजेपुर के ग्राम अलादपुर भटौली रामगंगा के मुहाने पर बसा है | गाँव हमेशा कटान के खतरे मेव रहता है| इस लिये गाँव के लोग कटान के डर से पक्के मकान नही बना पा रहे है वह झोपड़ी में रहकर अपना गुजारा कर रहे है| जनप्रतिनिधि केबल वोट लेने आते है इसके बाद पांच सालो तक उधर मुंह करके खड़े भी नही होते| गाँव में इसी लिये अशिक्षा, गरीबी बिजली पानी गली आदि की समस्या वर्षो से बनी हुई है|
बिजली का आलम यह है कि बीते दो वर्ष पूर्व गाँव में बिजली के खम्भे लगे थे कनेक्शन भी दिये गये थे| केबल पांच दिन बिजली चलने के बाद दो वर्षो हो गये अभी तक गाँव में बिजली के दर्शन तक नही हुये| गाँव आवादी में लगभग एक सैकड़ा युवा है जो शादी के सपने बुनने में लगा है| कई इसी इंतजार में जवानी से बुढ़ापे में कदम रख गये लेकिन विवाह हुआ ही नही | गाँव में बाढ आने के भय से लोग अपनी बेटियों का विवाह गाँव के लडको से नही कर रहे| गाँव एम् कुंबरो की संख्या बढती ही जा रही है | (राजेपुर से शिवा दुबे )