फर्रुखाबाद: डीएम के चेंबर में मुंशी कोर्ट का प्रार्थना पत्र देने से मना करने पर अधिवक्ता ने जमकर हंगामा किया| बाद में साथी वकीलों के समझाने पर मामला शांत हुआ|
शुक्रवार को जिलाधिकारी अपने चेंबर में बैठकर लोगो की जन समस्या सुन रहे थे| तभी अधिवक्ता केके गुप्ता का मुंशी जिलाधिकारी के चेंबर में पंहुच गया| जिस पर डीएम ने प्रार्थना पत्र मुंशी कोर्ट में ही देने की बात कही| इतना सुनने के बाद मुंशी अधिवक्ता को बुला लाया| अधिवक्ता ने आते ही जिलाधिकारी से नोकझोंक शुरू कर दी| अधिवक्ता ने प्रार्थना पत्र देने से मना कर दिया| प्रार्थना पत्र देने से मना करने पर वकील ने डीएम के चेंबर में ही गदर शुरू कर दिया| बाद में अन्य साथी अधिवक्ताओ ने वकील को जैसे-तैसे शांत किया|
कोतवाली प्रभारी ने बताया की हंगामा होने की बात सुनी थी| लेकिन उनके पंहुचने से पहले ही सभी चले गये थे| अधिवक्ता ने बताया कि उसके पास हाई कोर्ट का आदेश पालन कराने के लिये ही प्रार्थना पत्र भेजा था| जिलाधिकारी ने लेने से मना कर दिया| जिस पर विवाद हुआ|
जिलाधिकारी अनुराग पटेल का कहना है की वकील का दिया प्रार्थना पत्र वापस माँगा गया था| जिस पर टिप्पणी अंकित होने के कारण देने से मना कर दिया गया| इसी बात पर वकील ने चेंबर में हंगामा शुरू कर दिया|