Monday, December 23, 2024
spot_img
HomeFARRUKHABAD NEWSऐसे हुई राजीव की हत्या, मालूम चला तो सन्न रह गया था...

ऐसे हुई राजीव की हत्या, मालूम चला तो सन्न रह गया था पूरा देश

rajiv-gandhI2दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 20 अगस्त को 71 वीं जयंती मनाई जा रही है। इस मौके पर आपको उनसे जुड़ी कुछ जानी-अनजानी बातों से रूबरू करा रहे है। इसी कड़ी में हम आपको बता रहे हैं राजीव गांधी की हत्या के बारे में।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 के आम चुनाव में कांग्रेस को देश के इतिहास में सबसे बड़ी जीत मिली और राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने। लेकिन 1989 में उन्हें बड़ी हार का सामना करना पड़ा। इसी हार के बाद राजीव गांधी को नए सिरे से कांग्रेस पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए आत्ममंथन के दौर से गुजरना पड़ा। अपनी ही पार्टी में आलोचना का शिकार हो रहे राजीव ने नई रणनीति बनाई। वह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचना चाहते थे। 1991 के आमचुनाव में वह जनता तक ज्यादा से ज्यादा पहुंच बनाने की रणनीति पर चल रहे थे। इस दौरान अपनी सुरक्षा व्यवस्था की अनदेखी ही उनका काल बन गई। तमाम चेतावनियों के बाद भी उन्होंने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को कमजोर रहने दिया।

श्रीलंका से शांति सेना भेजने से पहले दिल्ली में लिट्टे प्रमुख प्रभाकरन राजीव गांधी से मिलने आया था। और यहां जो हुआ उसके बाद राजीव की हत्या की पटकथा तत्कालीन लिट्टे प्रमुख प्रभाकरन ने लिख दी थी। उसे इंतजार था तो मौके का। प्रभाकरन राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान जब दिल्ली आया। राजीव उससे सख्ती से पेश आए। प्रभाकरन ने तमिल हित की खातिर राजीव की बात मानने से इनकार कर दिया। राजीव गांधी ने उसे अपनी शर्तें मानने तक पांच सितारा होटल में नजरबंद करा दिया था। राजीव ने उसे तभी श्रीलंका जाने की इजाजत दी जब उसने शर्तें मान लेने का आश्वासन दिया। कहा जाता है कि शर्तें मानने के लिए प्रभाकरन का हामी भरना अपने को मुक्त करा श्रीलंका पहुंचने की एक चाल भर थी। इस घटना के बाद वह राजीव गांधी का पक्का दुश्मन बन गया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments