लखनऊ:उत्तर प्रदेश के लिए चुनावी साल में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज विधानसभा में पेश भारी-भरकम बजट में सौगातों की बारिश की। वित्त वर्ष 2016-17 के लिए तीन करोड़ 46 लाख 935 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 14.6 प्रतिशत अधिक है।
बजट में वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान 3,40,120.61 करोड़ की कुल अनुमानित प्राप्तियों के मुकाबले 6814.17 करोड़ रुपये का घाटा अनुमानित है। लोक लेखे से 7,200 करोड़ रुपये की शुद्ध प्राप्तियों का अनुमान लगाया गया है। वर्ष 2016-17 में प्रारंभिक शेष 179.55 करोड़ रुपये को हिसाब में लेते हुए अंतिम शेष 565.38 करोड़ रुपये होना अनुमानित है।
उत्तर प्रदेश के लिए चुनावी साल में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज विधानसभा में पेश भारी-भरकम बजट में सौगातों की बारिश की। वित्त वर्ष 2016-17 के लिए तीन करोड़ 46 लाख 935 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया अखिलेश सरकार के इस पांचवें बजट में 13 हजार 842 करोड़ रुपये की नई योजनाएं सम्मिलित है और बजट में कृषि, शिक्षा तथा सामाजिक सुरक्षा पर खास जोर दिया गया है ‘जबसे पतवारों ने मेरी नाव को धोखा दिया, मैं भंवर में तैरने का हौसला रखने लगा’ की पंक्ति पढ़कर बजट भाषण शुरू करने वाले अखिलेश ने वित्त वर्ष 2016-17 को ‘किसान वर्ष एवं युवा वर्ष’ घोषित करने का निर्णय लिया है।वित्त विभाग की भी जिम्मेदारी संभाल रहे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने बजट भाषण में ‘किसान वर्ष युवा वर्ष’ के दौरान किसानों को बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए 1,336 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। प्रस्तावित ‘समाजवादी किसान एवं सर्वहित बीमा योजना’ के लिए 897 करोड़ रुपये रखे गए हैं।
इसके अलावा सूखाग्रस्त 50 जिलों में फसलों को हुई क्षति से निपटने के लिए 2,057 करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार की गई है। सूखाग्रस्त जिलों में अतिरिक्त चारा दाना विकास कार्यक्रम भी प्रस्तावित है। साथ ही एक बड़े कदम के तहत किसानों को तीन प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पकालिक फसली ऋण देने के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। किसानों को अधिक उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बजट में सर्वाधिक उत्पादन करने वाले किसानों को प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कारों की धनराशि क्रमश: 20 हजार, 15 हजार और 10 हजार से बढ़ाकर एक लाख, 75 हजार और 50 हजार रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है।
बजट में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 787 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। बहराइच में किसान बाजार बनाने का प्रस्ताव किया गया है। साथ ही भूमि सेना योजना के लिए 83 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। युवाओं को कृषि से जोड़ने के लिए बेरोजगार कृषि स्नातकों और खेती में प्रशिक्षित नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलम्बी योजना के तहत एक हजार एग्री जंक्शन बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। मुख्यमंत्री ने बजट में सिंचाई की नई योजनाओं के लिए 1,574 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। साथ ही प्रदेश के लगभग 78 प्रतिशत सिंचित क्षेत्र में निजी लघु सिंचाई साधनों को बढ़ाने के लिए 549 करोड़ रुपये, सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के लिए 2,157 करोड़ रुपये तथा वाराणसी में गंगा नदी के घाटों के निर्माण के लिए पांच करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
बजट में 362 लाख टन दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा 300 कामधेनु, 1,500 मिनी कामधेनु और 2,500 माइक्रो कामधेनु इकाइयों की स्थापना का प्रस्ताव किया गया है। सपा सरकार की ध्वजवाही योजनाओं में शुमार की जाने वाली ‘समाजवादी पेंशन योजना’ के तहत वर्ष 2016-17 में 55 लाख लाभार्थियों को शामिल करने का लक्ष्य तय करते हुए बजट में इसके लिए 3,327 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।बजट में वृद्धावस्था एवं किसान पेंशन योजना के लिए 1,550 करोड़, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के लिए 500 करोड़ रुपये, नि:शुल्क मोटर एवं बैटरी चालित ई-रिक्शा योजना के लिए 100 करोड़ रुपये तथा सबके लिए आवास (शहरी मिशन) योजना के लिए 277 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
सरकार ने बजट में समग्र ग्राम विकास योजना के तहत कृषि विपणन सुविधाओं के लिए ग्रामीण सम्पर्क मार्गों और लघु सेतुओं के निर्माण के लिए 630 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। साथ ही कृषि विपणन सुविधाओं के लिए सम्पर्क मार्ग के निर्माण के अन्य कार्यों के वास्ते 1,413 करोड़ रुपये की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा ग्रामीण पेयजल कार्यक्रमों के लिए 23 अरब रुपये का प्रावधान भी किया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 2,031 करोड़ रुपये, ‘आई स्पर्श’ योजना के तहत गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने की योजना के लिए 300 करोड़ रुपये, लोहिया ग्रामीण आवास योजना के लिए 17 अरब 79 करोड़ रुपये तथा इंदिरा आवास योजना के लिए 31 अरब 62 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश में विश्वस्तरीय अवस्थापना सुविधाएं विकसित किए जाने के प्रति सरकार की गंभीरता को रेखांकित करते हुए बजट में लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के लिए 814 करोड रुपये, तथा कानपुर एवं वाराणसी मेट्रो के लिए 50-50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। प्रदेश के चयनित शहरों में मॉडल शहरों के विकास के लिए 50 करोड़ तथा लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे के लिए पिछले साल के 3,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 4,003 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। बजट में लखनऊ में जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केन्द्र की स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपये तथा राजधानी में ही ‘शान-ए-अवध’ संकुल के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।
मुख्यमंत्री ने वर्ष 2016 तक प्रदेश में मौजूदा बिजली उपलब्धता को 11,000 मेगावाट से बढाकर 21,000 मेगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य घोषित करते हुए कहा कि इस साल अक्टूबर से ग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम 16 घंटे और शहरी क्षेत्रों को 22 से 24 घंटे बिजली आपूर्ति का लक्ष्य प्राप्त करने तथा वर्ष 2019-20 से पूरे प्रदेश में चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध कराने की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। अखिलेश ने बजट में ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में एक लाख 73 हजार गांवों तथा मजरों में विद्युतीकरण के लिए लगभग 11 हजार 900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। बिजली आपूर्ति के लिए राज्य फीडर विभक्तीकरण योजना के लिए सात हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
बजट में बिजली वितरण कंपनियों के लिए वित्तीय पुनर्गठन की योजना ‘उदय’ पर अमल का निर्णय लिया गया है और उसके लिए बिजली वितरण कंपनियों को 39 हजार 909 करोड़ रुपये की मदद दिये जाने का प्रावधान भी किया गया है। बजट में सड़कों और पुलों के निर्माण एवं रखरखाव के लिए 14 हजार 721 करोड़ रुपये, जिला मुख्यालयों को 4 लेन मार्गों से जोड़ने की परियोजना पर 1,111 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। साथ ही नेपाल सीमा से सटे प्रदेश के सात जिलों में 257 किलोमीटर लम्बे मार्ग के निर्माण के लिए 250 करोड़ रुपये रखे गए हैं।
बजट में सर्वशिक्षा अभियान के लिए 15 हजार 397 करोड़ रुपये, माध्यमिक शिक्षा की विभिन्न योजनाओं के लिए 9,168 करोड़ रुपये तथा उच्च शिक्षा की योजनाओं के लिए 2,622 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सरकार की प्रमुख योजनाओं में शामिल रही कन्या विद्याधन योजना की संशोधित योजना के तहत प्रति छात्रा 30 हजार रुपये की दर से प्रोत्साहन धनराशि प्रदान करने के लिए 300 करोड़ रुपये तथा 10वीं एवं 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले मेधावी विद्यार्थियों को मुफ्त लैपटाप वितरण के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।
बजट में प्रदेश में 12 पॉलीटेक्निक बनाने, बस्ती एवं गोंडा में एक-एक इंजीनियरिंग कालेज की स्थापना करने का निर्णय लेने के साथ-साथ मिर्जापुर में एक इंजीरियरिंग कालेज की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों तथा उनसे सम्बद्ध चिकित्सालयों एवं चिकित्सा संस्थानों के लिए 4,572 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 4,576 करोड़ रुपये तथा लखनउ कैंसर संस्थान के लिए 310 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
बजट में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 को द्वितीय चरण के तहत बाकी 47 जिलों में आगामी मार्च से लागू करने की योजना है। पहले चरण में इसे 28 जिलों में लागू किया गया था। सरकार ने मान्यता प्राप्त मदरसों में आधुनिक शिक्षा देने के लिए 394 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसके अलावा मल्टीसेक्टोरल जिला विकास योजना के लिए 395 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। कब्रिस्तानों की चारदीवारी के निर्माण के लिए धनराशि 200 करोड़ से बढ़ाकर 400 करोड़ रुपये की गई है।
बजट में व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन के माध्यम से आगामी वित्त वर्ष में तीन लाख युवाओं को विभिन्न कार्यों में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य तय किया गया है। बजट में कन्नौज में 102 करोड़ रुपये की लागत से आलू की विशिष्ट मंडी तथा मलिहाबाद में 79 करोड़ रुपये की लागत से आम की विशिष्ट मंडी के निर्माण का प्रस्ताव किया गया है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण मिशन लागू किया गया है, जिसके लिए 42 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन तथा ‘अमृत’ योजनाओं के लिए क्रमश: 600, 600 तथा 700 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। बजट में बाल पुष्टाहार कार्यक्रम के लिए 3,220 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। साथ ही दो हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों के उच्चीकरण के लिए 13 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।
कानून एवं व्यवस्था को लेकर विपक्ष के हमलों का शिकार रही अखिलेश सरकार ने डायल 100 सेवा के विस्तार के लिए 456 करोड़ रुपये, पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए 216 करोड़ और सिटी सर्विलांस को 11 और नगरों में लागू करने के लिए 161 करोड रुपये की व्यवस्था की है। बजट में न्यायिक अधिकारियों के आवासीय भवनों के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये तथा अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए 40 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं।