फर्रुखाबाद: शहर कोतवाल रूम सिंह यादव का गैर समबैधानिक रूप से किये जाने का आक्रोश अधिवक्ताओ में भी है| जिसके चलते उनके तबादले की आहट हाई कोर्ट में जाने की सुगबुगाहट तेज हो गयी है|
बार एसोसिएशन के सामान्य सदस्य दीपक द्विवेदी एडवोकेट ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है की 58 साल की उम्र वाले अधिकारियो को थाना और कोतवाली का चार्ज नही सौपा जायेगा| यह फरमान बहुत ही ताना शाही पूर्ण है| शहर कोतवाल रूम सिंह यादव का तबादला करना और पुलिस महा निरीक्षक के पदों पर इसी उम्र सीमा के लोगो की तैनाती कर दी जाती है जिनकी नौकरी को केबल 1 या दो महीने रह गये है|
यूपी में यह दोहरा मापदंड लोकतंत्र की हत्या के समान है| पुलिस अधीक्षक सहित पुलिस के अन्य उचाचाधिकरियो ओ यह विचार करना चाहिए| भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता, पुलिस मैनुअल, पुलिस रेगुलेशन एक्ट, पुलिस सेवा नियमावली में भी इसका कोई प्रावधान नही है| उन्होंने कहा ना ही सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय अपने किसी आदेश या निर्णय में इस तरह की व्यवस्था भी नही की है| पुलिस महा निरीक्षक का यह फरमान एकदम से विधि विरुद्ध व नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतो कर विपरीत है| उन्होंने कहा है की यदि यदि आवश्यकता पड़ी तो जनहित याचिका या सिबिल रिट के अपने अधिकारों का प्रयोग हुए इस मामले को हाई कोर्ट के समक्ष पेश करेगे|