गणतंत्र दिवस की सुरक्षा व्‍यवस्‍था में अमेरिकी एजेंसी CIA देगी मदद

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lal kilaनई दिल्‍ली: गणतंत्र दिवस पर फ्रांस के राष्‍ट्रपति फ्रांस्‍वा ओलांद मुख्‍य अतिथि के रूप में भारत आ रहे हैं। पेरिस और पठानकोट में हुए हमले के बाद गंभीर खतरे की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा व्‍यवस्‍था अधिक चाक चौबंद की गई है।

भारतीय खुफिया एजेंसियां और फ्रांस की डायरेक्‍टोरेट जनरल फॉर एक्‍सटर्नल सिक्‍योरिटी (DGSE) की मदद अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए करेगी। तीनों सुरक्षा एजेंसियां मिलकर ओलांद और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा व्‍यवस्‍था को देखेंगी, जो 26 जनवरी के मौके पर मंच साझा करेंगे।सूत्रों ने ब‍ताया क‍ि DGSE और भारतीय एजेंसियां सीआईए के साथ करीबी से काम करने के लिए जानी जाती हैं। तीनों देशों के विशेषज्ञ अंतिम व्‍यवस्‍था और खुफिया जानकारियों पर चर्चा करने के लिए एक दूसरे के साथ संपर्क में हैं।

दो बड़े आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट और अल कायदा की नजरें गणतंत्र दिवस समारोह पर लगी हुई हैं। आईएस ने खुले तौर पर फ्रांस को धमकी दी है और वहीं अल-कायदा और इसके भारतीय विंग ने मोदी का जिक्र कई बार अपने संदेशों मे किया है।आईएस का भारत में कोई व्‍यापक आधार नहीं है, लेकिन इंडियन मुजाहिदीन के विद्रोहियों द्वारा बनाए गए संगठन अंसार उल तवहिद बिलाल अल हिंद (AuT) के साथ उसके संबंध हैं। यह संगठन आतंकी हमले के लिए हथियार और जरूरी चीजें मुहैया करा सकता है। हालांकि, अल कायदा का खतरा जरूर है।

हाल ही में खुफिया एजेंसियों और दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल सेल ने कायदा की भारतीय विंग AQIS के एक मॉड्यूल का पर्दाफाश करके इसके रिक्रूटमेंट एंड ट्रेनिंग चीफ के अलावा चार अन्‍य लोगों को गिरफ्तार किया है। AQIS का प्रमुख सनहुल हक उर्फ मौलाना असिम उमर उत्‍तर प्रदेश के संभल का रहने वाला है। आईएस और कायदा दोनों ही आतंकी संगठनों के निशाने पर मोदी और ओलांद हैं। ऐसे में अफगानिस्‍तान-पाकिस्‍तान और पाक अधिकृत कश्‍मीर के आतंकी संगठन जैसे लश्‍कर-ए-तोएबा, जैश्‍ा-ए-मोहम्‍मद और AuT आदि मोदी और ओलांद की हत्‍या के मकसद से आतंकी हमले को अंजाम दे सकते हैं। पठानकोट में जैश के आतंकियों द्वारा किए गए हमले के बाद इसकी आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।

करीब 15 हजार पैरामिलिट्री के जवान मध्‍य दिल्‍ली के अहम प्रतिष्‍ठानों पर नजर रखेंगे। राजपथ को नो-फ्लाइंग जोन बनाया जाएगा। किसी भी वस्‍तु को मोदी और ओलांद के करीब पहुंचने की इजाजत नहीं होगी। फ्रेंच कमांडोज, एनएसजी और एसपीजी के गार्ड राजपथ की सुरक्षा में तैनात होंगे, जहां गणमान्‍य अतिथि बैठेंगे।