बेचारा प्रशासन- धरे रह गए निर्देश, खूब पड़े बिना आईडी के वोट और हुई शांतिपूर्वक फर्जी वोटिंग

FARRUKHABAD NEWS PANCHAYAT ELECTION

CDO-ASPफर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनावो में लोकतंत्र स्थापित करने के लिए जिम्मेदार नेता और प्रशासन दोनों अपनी अपनी भूमिका अदा करने में विफल है| नेता को जनता के मत पर भरोसा नहीं है और प्रशासन नेताओ के आगे दंडवत| मलाईदार पोस्टिंग की चाहत में प्रशासन आँख बंद कर हर स्याह सफ़ेद को अनुमति दे रहा है| जिला और क्षेत्र पंचायत के चौथे चरण के मतदान में जो तस्वीर निकल कर सामने आ रही है उससे प्रशासन बेचारा और नेता लोकतंत्र का लुटेरा साबित हो रहा है|

नवाबगंज और मोहम्दाबाद दोनों ब्लाको में ज्यादातर मतदान केन्द्रो पर बिना आईडी के वोट पड़ रहे है| जिस बूथ पर जिस नेता की चली उसी के कारिंदे (राजनैतिक लोग इन्हे कार्यकर्ता कहते है) बूथ के अंदर बैठ मुहर लगाकर पेटिया भरते रहे और मजाल क्या कि पीठासीन अधिकारी विरोध कर सके| कमजोर नेतृत्व के चलते कर्मचारी भी किसी अवैध काम के विरोध करने की हैसियत में नहीं दिख रहे| भले ही मतदान की समाप्ति पर पीठासीन अधिकारी शांतिपूर्वक और निष्पक्ष मतदान की रिपोर्ट भेज दे लेकिन कुल मिलाकर छोटी पंचायत में जनता के मत का लोकतंत्र स्थापित होने नहीं जा रहा है यह यतार्थ सत्य है|

नवाबगंज के चम्पत नगला, फतनपुर, समैचीपुर सहित कई मतदान केन्द्रो पर बिना आईडी के वोट पड़ते मिले| अफसरों को जनता सूचना देती रही मगर सेक्टर मजिस्ट्रेट और जोनल में लगे अफसरों ने इस बात पर कोई खास तबज्जो नहीं दी| हाँ इन केन्द्रो पर मतदान शांतिपूर्वक जरूर हुआ| क्या लूट अगर शांतिपूर्वक हो तो जायज होगी ये अफसरों को अपनी अंतर्मन से सोचना होगा|

मोहम्दाबाद के करनपुर माजरा बांसमई मतदान केंद्र पर भी बिना आईडी के वोट डाले गए| मीडिया टीम के साथ मौके पर पहुंचे उप जिला निर्वाचन अधिकारी (सीडीओ) और अपर पुलिस अधीक्षक को वहां मौजूद लोगो और एजेंटो ने बताया कि बिना पहचान के ही वोट पड़ रहे है और पुलिस वाले भी रोक नहीं रहे| इस पर सीडीओ ने वहां मौजूद सिपाही से कहा कि आप आईडी क्यों नहीं चेक कर रहे जो सिपाही का जबाब था ” हमें आई डी चेक करने की परमीशन नहीं है”| बात सोलह आने सच है| मतदान केंद्र पर ड्यूटी के नियम के अनुसार पीठासीन अधिकारी की मांग पर ही पुलिस हस्तक्षेप कर सकती है| मौखिक आदेश कुछ भी हो| हालाँकि सीडीओ ने पुलिस से कहा कि पुलिस चेक कर सकती है मगर चेक करने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई और मजिस्ट्रेट का अमला उस मतदान केंद्र से बिना कोई बदलाव किये अगले मतदान केंद्र पर दौरा करने निकल लिया|

कुल मिलाकर दोपहर 2 बजे तक मतदान शांतिपूर्वक चल रहा था मगर निस्पक्ष और निर्भीक नहीं| किसी का वोट किसी ने खूब डाला| खाने और चाय की व्यवस्था खूब प्रत्याशियों ने की| आखिर मतदान कर्मी भी इंसान है और उनकी भी निष्ठां किसी न किसी के साथ तो रहेगी| निस्पक्ष लोकतंत्र की स्थापना के लिए जब नेतृत्व ही ईमानदार न हो तो कर्मचारी क्यों ईमानदारी का पैमाना बांधे| खबर लिखे जाने तक मतदान जारी है…… पेटिया भरी जा रही है| कुल मिलाकर मुल्लम्मा ये दिखा कि पहले चरण में एक पार्टी खुश हो गयी इस बार दूसरे की बारी है…….