फर्रुखाबाद: सपा विधायक रामेश्वर यादव के भतीजे द्वारा सीओ को गाली देने के बाद भी कोई कार्यवाही न करने का दंड एटा के एसएसपी एस के वर्मा को उनकी कुर्सी छीन राज्य चुनाव योग ने दे दिया है| निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष सुधीर अग्रवाल ने तत्काल प्रभाव से एटा के एसएसपी को हटा दिया गया है|
इससे पहले मंगलवार को आयोग ने डीएम निधि केसरवानी व एसएसपी को कड़ी चेतावनी भी दी थी। साथ ही दोनों अफसरों की भूमिका पर सवाल उठाए थे। आयोग ने जिले के विकासखंड शीतलपुर और सकीट में हुई हिंसक घटनाओं को गंभीरता से लिया है। आयोग का कहना है कि दूसरे चरण के मतदान के लिए जिले में सीआईएसएफ की एक कंपनी फोर्स भी लगाई गई इसके बावजूद कई मतदान केंद्रों में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं। शिकायत मिलने के बाद मंगलवार को आयोग ने जिले के डीएम व एसएसपी को फोन पर चेतावनी देते हुए स्थिति को संभालने के निर्देश भी दिए। आयोग ने यहां तक कहा था कि यदि आप स्थिति नहीं संभालते हैं तो आप पर कार्रवाई की जाएगी।
कल ही जिला पंचायत एटा के अध्यक्ष जुगेन्द्र सिंह के पुत्र पुष्पेन्द्र सिंह यादव पर आरोप लगा था कि उन्होंने पोलिंग डम्प करने के लिए सीओ को न केवल ललकारा बल्कि माँ बहन की गलियां भी बाकि| टेलेफोन पर हुई इस वार्ता का ऑडियो सोशल मीडिया और टीवी मीडिया में लहराने के बाद गृह सचिव से लेकर लखनऊ तक के अफसरों ने एटा के एसएसपी को जमकर न केवल हडकाया बल्कि उसके बाद पुष्पेन्द्र सिंह यादव के खिलाफ ऍफ़आईआर भी दर्ज की गयी| एटा के एसएसपी को सपा नेता की चमचागिरी काफी महगी पड़ी और चुनाव में उनकी भूमिका संदिग्ध मानते हुए उन्हें हटा दिया है|