पंचायत चुनाव 2015: व्हाट्सप्प और फेसबुक से नहीं बन रही बात

FARRUKHABAD NEWS Politics

whatsappफर्रुखाबाद: व्हाट्सप्प में अधिकतम 100 का ग्रुप और उसमे भी 90 दोस्त वो भी अनजाने? हाल यही जुकरबर्ग के फेसबुक का है| जितनी फ्रेंडलिस्ट है उसमे से केवल 10% लोगो तक ही पोस्ट पहुचती है| सबको पहुचानी हो तो पोस्ट को बूस्ट करिये पैसा भरिये तब पहुंचेगी| पंचायत चुनावो में चुनाव प्रचार गाँव गाँव पहुचाने में ये दोनों तंत्र फेल ही है| डिजिटल इंडिया के दौर में सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली वेबसाइट ही प्रचार का सफल माध्यम अभी भी बना हुआ है जिसमे कोई वाध्यता नहीं है|

अक्टूबर प्रथम सप्ताह की इंडिया टुडे पत्रिका में छपे लेख के मुताबिक स्थानीय स्तर पर समाचारो के परेशान करने वाली वेबसाइट ही आज के दौर में सबसे सबसे सशकत माध्यम है बशर्ते उनकी पाठक संख्या ठीक ठाक हो| वेबसाइट की पाठक संख्या मापने का पैमाना गूगल एनालिटिक्स होता है जिसमे वेबसाइट पंजीकृत करके देखा जा सकता है कि अमुक वेबसाइट में कितने पाठक है|

इसी लेख और गूगल रिपोर्ट के मुताबिक फर्रुखाबाद जनपद में मुख्यालय के साथ स्थापित 10 वर्ष पुरानी वेबसाइट WWW.JNILIVE.MOBI की पाठक संख्या 90 हजार मोबाइल/डेस्कटॉप से ऊपर है| ये जनपद में अब तक की सभी मीडिया में सर्वाधिक पाठक संख्या संख्या है जिससे अधिकतम जनता पढ़ती है| चौकाने वाली बात है कि इस वेबसाइट पर खबरे पढ़ने वाले 90 प्रतिशत पाठक मोबाइल का इस्तेमाल करते है|

त्वरित खबरों के दौर में प्रचार पर पैसा खर्च करने से पहले ये जानना जरुरी है कि आपके खर्च किये पैसा का पूरा उपयोग हो पा रहा है या नहीं| व्हाट्सप्प और फेसबुक में लगे नुक्ते एक सीमा तक ही सोशल मीडिया बने हुए है| आखिर मुफ्त में सब कुछ नहीं मिलता|