बिहार से आयातित कर लायी गयी जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी!

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mhilaफर्रुखाबाद: कुर्सी पर कब्जा करने के लिये लोग क्या क्या जतन कर रहे है| कोई किसी को अस्पताल में भर्ती करा तीमारदारी कर रहा है, कोई किसी के घर में मौत हो जाने पर उसके घर जाकर तेहरवी संस्कार तक का ठेका लेता दिख रहा है| कही तो दो प्रत्याशी आपस में मृत व्यक्ति के घर जाकर इस बात पर लड़ते नजर आ जाते है की कौन अर्थी की व्यवस्था करेगा और कौन कफन की| ना जाने किस किस प्रकार की जिम्मेदारी प्रत्याशी को लेनी पढ़ रही है| लेकिन जिला पंचायत की लाली पाप चटाने के लिये एक नयी जुगत की जा रही है| एक ताजा वाक्या सामने आया है| कमालगंज द्वितीय सीट पर चुनाव लड़ रही एक महिला को उसके पति का मालिक महिला सीट होने के कारण बिहार से आयातित कर लाया और उसे चुनाव मैदान में प्रत्याशी बना दिया जो क्षेत्र में चर्चा का विषय है|

मजे की बात यह है कि पहले नेता जी खुद कमालगंज द्वितीय से चुनाव लड़ना चाह रहे थे| काफी तैयारी भी की| लेकिन उनके मंसूबो पर आरक्षण ने अपना डंडा मार दिया| जिससे उनके सपने रायते की तरह जमीन पर फ़ैल गये| सूचना मिली की अब सामान्य सीट नही रह गयी उसके स्थान पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षित हो गयी है| जिसके बाद नेता जी के नीचे से जमीन खिसक गयी| तो उन्होंने अपने घर में गोबर फेंकने वाले कर्मचारी को चुनाव मैदान में उतारने के लिये मन बना लिया| उसके लिये क्षेत्र में प्रचार भी शुरू हो गया|

कुछ समय के बाद जब जिला पंचायत का आरक्षण आया तो पता चला कि सीट पिछड़ा वर्ग महिला हो गयी| अब एक बड़ी मुश्किल नेता जी के सामने आ गयी| की जब उसके घर गोंबर उठाने वाले की शादी नही हुई तो फिर अब पिछड़ा वर्ग की महिला कहा से लाई जाये| कई दिनों तक दिमाग के घोड़े दौड़ाये गये| जिसके बाद फैसला किया गया की नौकर का विवाह कराया जाये| लेकिन विवाह कौन करेगा| इसके लिये नेता जी के साथ चलने वालो ने अपनी ज्ञान की किताब खोलकर बताया कि बंगाल में महिलाये सस्ते रेटो पर मिल जाती है यदि जीत गयी तो करोड़ो की मुर्गी बनेगी और यदि हार गयी तो………….|

जिसके बाद कुछ लोग बंगाल गये और एक महिला को खरीद कर लाया गया और उसका विवाह भी जल्द से जल्द करा कर लेखापाल को खुश करके वोट भी बनबा दिया| आज वह जिला पंचायत सदस्य पद हेतु चुनाव मैदान में है| देखते है उनका क्या होगा| यह वोट खुलने के बाद सामने आयेगा|