Saturday, January 11, 2025
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हंगामे के बीच भूमि अधिग्रहण बिल लोकसभा में पेश

rajivr prtap mpनई दिल्ली:भारी हंगामे के बीच बजट सत्र का दूसरा चरण आज से शुरू हुआ। विपक्ष की नारेबाजी और शोर-शराबे के बीच सरकार की ओर से सदन में भूमि अधिग्रहण बिल पेश किया गया। सांसद राजीव प्रताप रूढी ने यह बिल पेश किया। संशोधनों के बाद दुबारा बिल पेश किया गया है।

कांग्रेस की ओर से बिल के खिलाफ नारेबाजी जारी रही। कड़े विरोध की वजह से करीब सवा 12 बजे लोकसभा की कार्यवाही को दोपहर दाे बजे तक स्थगित करना पड़ा। इससे पहले सुबह भी 20 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। कांग्रेस की ओर से जानकारी दी गई है कि सदन में शाम चार बजे उपाध्यक्ष राहुल गांधी बयान देंगे। वह किसानों के मुद्दे पर बोलेंगे।
इसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यमन में आॅपरेशन राहत की चर्चा की और सरकार की सफलता का जिक्र किया। उन्होंने सदन को बताया कि यमन में भारतियों की हर संभव मदद की गई। स्वराज ने विदेश राज्यमंत्री जनरल (रि.) वीके सिंह की भूमिका की भी प्रशंसा की। इस बीच विपक्ष की ओर से हंगामा जारी रहा।

इससे पहले सत्र के शुरू होते ही कांग्रेस आक्रामक नजर आई। गिरिराज सिंह द्वारा सोनिया गांधी पर की गई कथित टिप्पणी को निंदनीय बताते हुए कांग्रेस ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।
दुबारा कार्यवाही शुरू होने पर गिरिराज सिंह ने सदन में अपने बयान पर खेद प्रकट किया। सिंह ने कहा कि उनके बयान से यदि किसी को तकलीफ हुई है तो वे खेद प्रकट करते हैं। उन्होंने कहा कि किसी को दुख पहुंचाना उनका उद्देश्य नहीं था।

सत्र के शुरू होते ही मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ऐसे बयान देने वाले मंत्री को माफी मांगनी चाहिए। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री का बयान मांगा है। उन्होंने मंत्री के इस्तीफे की भी मांग की। सिंधिया ने संजय राउत के बयान का जिक्र किया जिसमें मुसलमानों के मताधिकार वापस लेने की बात थी। इसके साथ ही कथित रंगभेदी टिप्पणी का जिक्र करते हुए उन्होंने इसे शर्मनाक बताया।लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी इस बयान को निंदनीय बताया। लेकिन, इसके बाद भी कांग्रेसी खेमा मंत्री के माफी मांगने की मांग पर अड़ा रहा। लगातार नारेबाजी की जाती रही। वेंकैया नायडू ने सफाई देने की कोशिश भी की लेकिन हंगामा जारी रहा।

गौरतलब है कि विवादास्पद भूमि अधिग्रहण बिल समेत कुछ मुद्दों को लेकर यह सत्र हंगामेदार रहने की आशंका पहले से ही जताई जा रही थी। संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने रविवार को ही भाजपा सांसदों से पूरे समय सदन में मौजूद रहने को कहा है।इस बीच राज्यसभा में संख्याबल कम होने की स्थिति में सरकार बैकफुट पर है। इसके साथ ही विपक्ष पहले से ज्यादा मजबूत और मुखर होकर उभरा है। ऐसे में सूत्रों का कहना है कि राज्यसभा में अपनी कमी को देखते हुए सरकार सदन संयुक्त अधिवेशन बुलाने की तैयारी कर रही है।

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