रालेगढ़ सिद्धि: सामाजिक कार्यकर्ता और गांधीवादी नेता अन्ना हजारे ने अब मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यूपीए सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अांदोलन करने वाले अन्ना हजारे ने एक बार फिर से वर्तमान केंद्र सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। अन्ना ने कहा है कि भ्रष्टाचार के मामले में नरेंद्र मोदी की सरकार पूर्व की मनमोहन सरकार की ही तरह काम कर रही है। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर यह सरकार कुछ अलग नहीं कर रही है।
77 वर्षीय गांधीवादी नेता ने कहा, ‘लोकसभा चुनावों में मोदी ने जनता से वादा किया था कि सौ दिन के भीतर काला धन वापस लाया जाएगा। इससे देश के हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपये आएंगे, लेकिन अब तक 15 रुपये भी नहीं मिले।’ उन्होंने कहा, ‘जनता अब समझ गई है कि उनके साथ क्या धोखा किया गया है? वह उन्हें (भाजपा नीत सरकार) वैसा ही सबक सिखाएगी, जैसा कांग्रेस को सिखाया था। भ्रष्टाचार के खिलाफ 2011 में हुए आंदोलन के बाद जनता जागरूक हो गई है।’ उन्होंने कहा कि अगर सरकार की मर्जी से लोकपाल बना तो किसी का एक भी काम नहीं होगा।
अन्ना हजारे ने कहा कि किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल दोनों ही आंदोलन से निकले हैं। दोनों में से कोई एक मुख्यमंत्री बनेगा। हालांकि, चुनाव प्रचार के दौरान दोनों ही एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।