फर्रुखाबाद: विवाद क्यों न हो? जब मोदी को मन की बात बच्चो को सुनानी थी तब रविवार को भी स्कूल खोल कर रेडियो टीवी बजाये गए थे| मगर गणतंत्र दिवस के मौके पर बच्चो को सुनाने के लिए प्रदेश के शिक्षा मंत्री का सन्देश तमाम आदेशो के बाबजूद नहीं पंहुचा| गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या तक तमाम परिषद के अध्यापको और शिक्षा विभाग के अधिकारियो से बात करने पर पता चला है कि उन्हें तो किसी सन्देश की जानकारी तक नहीं है| अब प्रदेश में शिक्षा विभाग में जब केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियो के संदेशो को प्रसारित करने में मतभेद होने लगे तो सवाल तो उठना ही लाजिमी है|
गणतंत्र दिवस पर बेसिक शिक्षा मंत्री ने परिषदीय और मान्यता प्राप्त स्कूलों के बच्चो को शिक्षा, राष्ट्रीयता और सामाजिकता का सन्देश पढ़कर सुनाने के लिए प्रदेश भर के जिलाधिकारियो, मण्डलयुक्तो और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियो को प्रेषित करवाया था| सचिव बेसिक शिक्षा द्वारा पत्र ईमेल से हर जिला और मंडल स्तर के अधिकारी को भेजा गया और बेसिक शिक्षा की वेबसाइट पर भी डाला गया| मगर अफ़सोस की बात है कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर रात 10 बजे तक जिले में अध्यापको तक यह सन्देश नहीं पंहुचा|
एनपीआरसी और खंड शिक्षा अधिकारियो ने फोन पर बताया की उन्हें इस प्रकार के किसी सन्देश की जानकारी तक नहीं है तो बच्चो को सुनवायेंगे क्या? वही समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष रामसेवक यादव ने जे एन आई को बताया की बच्चो तक अगर शिक्षा मंत्री का सन्देश नहीं पंहुचा तो जिले के अफसरों की खैर नहीं|