फर्रुखाबाद: नए साल 2015 में तकनीक के क्षेत्र में तरक्की के आसार हैं, पर महंगाई से राहत नहीं मिलेगी। इस साल भारत के क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने के योग नहीं हैं।
ज्योतिष गणना के अनुसार मंगल की राशि मेष में चंद्रमा विराजमान होने के कारण सफेद वस्तुओं की कमी रहेगी। इसके चलते दूध, रुई एवं शक्कर के दामों में वृद्घि होगी। अनाज का स्टाक घटेगा, भावों में तेजी के योग भी बन रहे हैं।
वर्ष कुंडली (तारीख 31 दिसंबर समय रात 12 बजे के अनुसार) गुरु-शनि पर पंचम दृष्टी है, जो शुभ है, यह शुभतापूर्ण योग देश की उन्नति और प्रजा हित में निर्णय कराएगा।
ज्योतिष मठ संस्थान के संचालक पं. विनोद गौतम के अनुसार वर्ष 2015 में अंतरिक्ष, चिकित्सा, शिक्षा के क्षेत्र में विकास के संकेत हैं। दूसरी ओर राजनीति, व्यापार एवं खेल आदि क्षेत्रों में हानि की आशंका है। हालांकि केंद्र सरकार के नेतृत्व में देश के विकास के अच्छे योग हैं।
खेल की राशि वृश्चिक, स्वामी मंगल
नए साल में खेल की राशि वृश्चिक जिसका स्वामी मंगल है। उस राशि पर निर्णय न्याय शनि विराजमान हैं। इस कारण क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने के योग नहीं हैं। जिस समय भारत ने विश्व कप जीता था उस समय निर्णय न्याय का देवता शनि शुभ स्थिति में था।
तकनीकी क्षेत्र में उन्नति
वर्ष 2015 देश के लिए तकनीकि वर्ष साबित होगा। इसमें हम अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में नए ग्रह की ओर कदम बढ़ाएंगे। इतना ही नहीं अनुसंधान देश के रिसचर्स को विशेष सफलता मिलेगी। गोचरी स्थिति को देखते हुए इन्हीं क्षेत्रों में उत्पात, विवाद और घोटालों की स्थितियां भी निर्मित होंगी।
न्यायालय का बढ़ेगा हस्तक्षेप
नए वर्ष के प्रारंभ में मंगल की राशि वृश्चिक में शनि और शनि की राशि मकर में मंगल होने से भूमि, सोना एवं रक्षा के क्षेत्र में न्यायालय का हस्तक्षेप बढ़ेगा। वहीं, वर्ष कुंडली में कन्या राशि का राहु सालभर शत्रुहंता योग बनाएगा। इससे भारत के शत्रुओं का नाश होगा और भारत की विजय होगी।
राजनेताओं पर लगेंगे गंभीर आरोप
मेष का स्वामी मंगल शनि-राहु से पीड़ित होने के कारण राजनीति षड्यंत्र का शिकार होगी। राजनेताओं के घोटाले उजागर होने के साथ गंभीर आरोपों के संकेत हैं। प्रदेश के शीर्षस्थ नेता पर गंभीर आरोप के कारण सरकार की छवि धूमिल हो सकती है।
नए वर्ष में रहेगी मंदी
धर्माचार्य पं. विष्णु राजोरिया के अनुसार वर्ष 2015 कन्या लग्न में प्रवेश करेगा और राहु लग्नावस्था में है। यह वर्ष आर्थिक क्षेत्र में मंदी व्याप्त रहेगी। आर्थिक संसाधनों की कमी के कारण अपेक्षित निर्माण करने में कठिनाई होगी।
लेकिन इसके बावजूद शासन तंत्र स्थायित्व और मजबूती के साथ लोकोपयोगी निर्माण, शिक्षा, रक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने में सक्षम रहेगा। उच्च के गुरु होने के कारण देश में आध्यात्मिक और साहित्यिक कार्य करने वालों की पूछपरख बढ़ेगी। किसानों को कुछ कठिनाइयों का सामना करना होगा।
उनको शासन की मदद की दरकार रहेगी। मौसम, प्राकृतिक आपदाओं के योग हैं। हिंसात्मक गतिविधियों को रोकने में बड़ी शक्ति का उपयोग करना पड़ेगा।
कुंडली एक नजर में
देश की वर्ष कुंडली के हिसाब से धनु राशि में सूर्य एवं बुध, मकर राशि में मंगल-शुक्र और गुरु कर्क में साथ ही शनि वृश्चिक और राहू कन्या में स्थित है। वहीं केतु मीन में और चंद्रमा मेष में स्थित है।