नई दिल्ली.: युद्धस्तर पर चल रही मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) सरकारी कार्यक्रमों की नई परिभाषा गढ़ रही है। देश के हर घर को बैंक खाते से जोड़ने के उद्देश्य से शुरू की गई यह योजना अपने हर लक्ष्य समय से पहले पूरे कर रही है।
नतीजा यह है कि भारत आज दुनिया में सबसे ज्यादा बैंक खाते वाले देशों में शुमार हो गया है। महज तीन महीनों में देश के 80 फीसद घरों के बैंक खाते खोलकर इस योजना ने करोड़ों परिवारों को वित्तीय क्षेत्र से जोड़ दिया है।
अब इसे सरकार का प्रबंधन कहा जाए या कुछ और। हकीकत यह है कि अभी तक बैंक ब्रांच खोलने की योजना में फिसड्डी रहे बिहार, ओडिशा और असम जैसे राज्यों में भी जन धन योजना शानदार तरीके से आगे बढ़ रही है।
11 नवंबर, 2014 तक बिहार के 74 फीसद परिवारों के बैंक खाते खुल चुके हैं। ओडिशा में 79 फीसद तो असम में 81 फीसद घरों में बैंक खाते हो चुके हैं। एक वर्ष पहले तक इन राज्यों में औसतन 40 से 50 फीसद परिवारों के पास ही कोई बैंक खाता था।
छह राज्यों में तो 90 फीसद घरों को बैंकों से जोड़ा जा चुका है। वित्त मंत्रलय को भरोसा है कि हर घर को बैंक खाते से जोड़ने का लक्ष्य मार्च, 2015 तक नहीं, बल्कि उसके तीन महीने पहले दिसंबर, 2014 तक ही पूरा हो जाएगा।