नई दिल्ली: अक्टूबर में थोक भाव के हिसाब से महंगाई बढ़ने की दर कम होकर 1.77 प्रतिशत रह गई, जो पिछले पांच साल का सबसे निचला स्तर है। सब्जियों के साथ-साथ खाने-पीने की तमाम चीजों की कीमतों में लगातार गिरावट आने के कारण यह राहत मिली।
सितंबर में थोक भाव के हिसाब से महंगाई बढ़ने की दर 2.38 फीसद रही थी। अगस्त की थोक महंगाई दर संशोधित होकर 3.74 फीसद से बढ़कर 3.85 फीसद हो गई थी। अक्टूबर 2013 में इस किस्म की महंगाई 7.24 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ी थी।
बहरहाल, इस साल अक्टूबर के दौरान माह-दर-माह आधार पर थोक में खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर 3.52 फीसद से घटकर 2.7 फीसद रह गई। पिछले माह प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर 2.18 फीसद से घटकर 1.43 फीसद रही।
लेकिन, अक्टूबर के दौरान थोक भाव के आधार पर आलू की महंगाई 82.11 प्रतिशत बढ़ी, सितंबर में भी यह दर 90.23 प्रतिशत रही थी। इस दौरान प्याज के भाव में 59.77 प्रतिशत गिरावट आई। सितंबर में प्याज के भाव 58.12 प्रतिशत गिरे थे।
पिछले माह सब्जियों की थोक महंगाई में कुल मिलाकर 19.61 प्रतिशत गिरावट आई। इस दौरान मांस और मछली जैसी प्रोटीन युक्त चीजों की महंगाई में 2.58 प्रतिशत गिरावट आई।
अक्टूबर में गैर-खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई दर 0.52 फीसद से घटकर -1.41 फीसद रह गई। इस दौरान कारखानों में तैयार होने वाली चीजों की थोक महंगाई 2.84 फीसद से घटकर 2.43 फीसद रही। ईंधन और बिजली की महंगाई दर 1.33 फीसद से घटकर 0.43 फीसद रह गई।