नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कैबिनेट विस्तार में शामिल किए मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो गया है। पढ़ें: किसे मिला कौन सा मंत्रालय-
मनोहर पर्रिकर
गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को रक्षा मंत्रालय का जिम्मा मिला है। वो ईमानदार छवि और लो प्रोफाइल रखने वाले नेता हैं। आईआईटी बैकग्राउंड वाले पर्रिकर बड़े मंत्रालय संभालने के योग्य उम्मीदवार हैं। इसके अलावा, पीएम के धुर समर्थक हैं।
सुरेश प्रभु
शिवसेना छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले सुरेश प्रभु को रेलवे मंत्रालय दिया गया है। रेलवे मंत्रालय सदानंद गौड़ा से लेकर सुरेश प्रभु को दिया गया है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान इंडस्ट्री, पयार्वरण, और ऊर्जा मंत्रालयों में मंत्री के रूप में काम का तजुर्बा है, इसके अलावा आर्थिक विषयों के एक्सपर्ट माने जाते हैं।
जेपी नड्डा
जगत प्रकाश नड्डा को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है। वो मोदी और अमित शाह के बेहद करीबी हैं। पार्टी महासचिव के तौर पर अध्यक्ष अमित शाह के रणनीतिकारों में गिने जाते हैं। संघ के काफी नजदीक हैं।
चौधरी बीरेंद्र सिंह
वीरेंद्र सिंह को ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पेयजल और सफाई मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। इनको मंत्री बनाए जाने को हरियाणा में किसी जाट नेता को सीएम न बनाने के मुआवजे के तौर पर देखा जा रहा है।
बंडारु दत्तात्रेय
बंडारू दत्तात्रेय को श्रम और रोजगार मंत्रालय मिला है। नए बने राज्य तेलंगाना में बीजेपी को जमाने की कोशिश है
राजीव प्रताप रूडी
रूडी को संसदीय कार्य और स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय मिला है। रूडी ने सारण सीट से लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी को हराया था। वाजपेयी सरकार में भी नागरिक उड्डयन मंत्री के तौर पर काम करने का अनुभव है।
महेश शर्मा
नोएडा से सांसद डॉक्टर महेश शर्मा को संस्कृति, पर्यावरण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय मिला है। यूपी में ब्राह्मणों वोटों को साधने की कोशिश की गई है। इसके अलावा, महेश के पिता की जड़ें राजस्थान से जुड़ी हैं।
मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किए गए राज्य मंत्रियों की क्या है खासियत-
मुख्तार अब्बास नकवी
मुख्तार अब्बास नकवी को अल्पसंख्यक मामले और संसदीय कार्य, मंत्रालय मिला है।
नकवी बीजेपी का अल्पसंख्यक चेहरा हैं, इसके अलावा, सार्वजनिक मंचों पर पार्टी को मजबूती से रखते हैं। बेहतर काम का इनाम मिला।
रामकृपाल यादव
राम कृपाल यादव को पेयजल और सफाई मंत्रालय मिला है। उन्होंने लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती को चुनाव मैदान में शिकस्त दी। रामकृपाल को मंत्री बनाकर बीजेपी यादव समाज को अपने पाले में करना चाहती है।
सांवरलाल जाट
सांवरलाल को जल संसाधन मंत्रालय का जिम्मेदारी दी गई है। जाट वोट को ध्यान में रखते हुए सांवरलाल को मंत्री बनाया गया है।
गिरिराज सिंह
गिरिराज सिंह को सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्योग का मंत्रालय मिला है। बिहार में विधानसभा चुनाव 2015 के मद्देनजर राज्य का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए कैबिनेट में शामिल हुए हैं। गिरिराज मोदी के धुर समर्थक और नीतीश के जबर्दस्त आलोचक हैं।
रामशंकर कठेरिया
कठेरिया को मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री का जिम्मा मिला है। दलित समाज का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए आगे लाए गए। उत्तर प्रदेश से आने वाले नेता हैं।
वाईएस चौधरी
वाई.एस. चौधरी को विज्ञान और तकनीक राज्य मंत्री का जिम्मा सौंपा गया है। वाईएस चौधरी टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के करीबी माने जाते हैं।
जयंत सिन्हा
जयंत सिन्हा को वित्त राज्य मंत्री का जिम्मा मिला है। झारखंड के हजारीबाग से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे हैं। सिन्हा युवा हैं और वे आर्थिक जगत में लंबे समय तक काम कर चुके हैं।
राज्यवर्धन सिंह राठौड़
कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ को सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री का जिम्मा मिला है।
युवाओं को मेसेज देने की कोशिश है। जातिगत समीकरण के तहत राजपूत वोटों को साधने की भी कोशिश की गई है।
बाबुल सुप्रियो
बाबुल सुप्रियो को शहरी विकास, आवास और गरीबी उन्मूलन राज्य मंत्री का जिम्मा सौंपा गया है। पश्चिम बंगाल से सांसद हैं। 2016 में होने वाले चुनावों के मद्देनजर राज्य के पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की रणनीति के तहत नाम आया।
साध्वी निरंजन ज्योति
साध्वी निरंजन ज्योति को फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय मिला है। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से लोकसभा सांसद हैं, बेहद साफ सुथरी छवि है।
विजय सांपला
विजय सांपला को सामाजिक न्याय राज्य मंत्री का जिम्मा सौंपा गया है। विजय सांपला पहली बार पंजाब के होशियारपुर से लोकसभा सांसद चुने गए हैं। उन्होंने कांग्रेस के मोहिंदर सिंह केपी को हराया था। सांपला के जरिए बीजेपी पंजाब में दलित समुदाय को अपने साथ जोड़ना चाहती है।
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