नई दिल्ली: दिल्ली चिड़ियाघर में बाघ का शिकार बने युवक मकसूद के मामले में नया खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में पता चला है कि घटना के समय चिड़ियाघर का डॉक्टर मौजूद नहीं था। यही कारण रहा कि शेर जैसे जानवर को काबू में करने वाली ट्रैंक्युलाइजर गन का प्रयोग नहीं हो पाया। इस खुलासे के बाद दिल्ली पुलिस ने चिड़ियाघर प्रशासन से कुछ प्रश्नों के उत्तर मांगे हैं, ताकि युवक की मौत के लिए जिम्मेदार व्यक्ति का पता लगाया जा सके।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान चिड़ियाघर के उस गार्ड से पूछताछ की गई, जो उस समय वहां ड्यूटी पर मौजूद था। पूछताछ के दौरान गार्ड ने खुलासा किया कि जब उसे यह पता चला कि युवक शेर के बाड़े के अंदर गिर गया है तो उसे बचाने के लिए वह डॉक्टर के रूम में गया, लेकिन डॉक्टर उस समय कमरे में मौजूद नहीं थे। उनका कमरा बाहर से बंद था और वह कहीं बाहर गए हुए थे।
बाघ आदि हिंसक जानवरों को आपात काल में काबू करने के लिए इस्तेमाल करने वाली ट्रैंक्युलाइजर गन डॉक्टर के कमरे में ही रखी होती है। डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण ही गन का प्रयोग नहीं किया जा सका। गार्ड के इस बयान के बाद दिल्ली पुलिस ने एक प्रश्नावली तैयार कर चिड़ियाघर प्रशासन को सौंपी है और उनका जवाब मांगा है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सवालों के जवाब मिलने के बाद ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। संभव है इन सवालों के उत्तर से यह स्पष्ट हो जाएगा कि पूरी घटना में किसके द्वारा लापरवाही बरती गई थी।
पुलिस ने पूछे ये सवाल
1. गार्ड ने घटना के समय युवक को बचाने के लिए किसी और को क्यों नहीं बुलाया?
2. यदि बुलाया था तो वह व्यक्ति कौन था और उस समय कहां था?
3. ट्रैंक्युलाइजर गन का प्रयोग क्यों नहीं किया गया?
4. ट्रैंक्युलाइजर गन किसके पास रहती है और वह व्यक्ति उस समय कहां पर था?
5. क्या वह व्यक्ति प्रशासन को बता कर बाहर गया हुआ था?
6. ऐसी परिस्थिति में किसी और को गन सौंपे जाने का प्रावधान है या नहीं?
7. यदि प्रावधान है तो गन किसी और को सौंपी गई थी या नहीं?
8. घटना के समय लोगों को पत्थर मारने से क्यों नहीं रोका गया?
9. बाघ के बाड़े की दीवार सिर्फ तीन फुट ऊंची क्यों बनाई गई है?
10. बाड़े के ऊपर प्लेटफार्म क्यों बनाया गया है?
11. लोगों को प्लेटफार्म तक क्यों जाने दिया जाता है?