हिन्दू धर्म का सिद्धांत शेरनी का दूध: रामभद्राचार्य

Uncategorized

ram khthaफर्रुखावाद: शहर में चल रही श्री राम कथा में बोलते हुए स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा की हिन्दू धर्म कोई भेड, बकरी या सूअर का दूध नही है वल्कि हिन्दू धर्म का सिद्धांत मानो सिंघनी का दूध| कथा के दौरान उन्होंने श्री राम के वन गवन की लीला का वर्णन किया| की कैसे कैकेयी व मंथरा ने योजना बना कर श्री राम को वन भेज दिया|
sevaकथा को आज छटा दिन था जिसको लेकर भीड़ से पूरा पंडाल ही भरा हुआ था| स्वामी रामभद्राचार्य जी ने कथा का रस पान कराते हुए कहा की हिन्दू धर्म में बहुत बड़े-बड़े ग्रंथ है| जिसमे सबसे छोटा ग्रन्थ हनुमान चालीसा है| जिसका पढने मात्र से ही पुरे धर्म का ज्ञान हो जाता है| उन्होंने श्री राम की वन गवन की लीला और कैकयी की भूमिका का वर्णन किया तो श्रद्धालु अपनी आँखों में आंसू भर लाये| उन्होंने रामचरित मानस की चौपाई सुनु जनकी सोई सुत बडभागी | जो पितु मातु चरन अनुरागी|| का वर्णन भी सुनने लायक किया| उन्होंने कहा की जब सीता जी ने प्रभु के वन जाने की बात सुनी तो वह भी प्रभु के बहुत बार समझाने पर भी नही मानी और वन जाने के लिए तैयार हो गयी| जब लक्ष्मण जी को यह बात पता चली तो वह भी श्री राम के साथ वन जाने के लिए तैयार हो गये| लक्ष्मण ने कहा की यदि आप मुझे अपने साथ नही ले चलोगे तो मई अपने प्राण त्याग दूंगा| जब श्री राम ने देखा कि लक्ष्मण नही मानेगे तब तीनो वन बासी के वस्त्र पहन कर तैयार हो गये| तीनो पिता राजा दशरथ को प्रणाम कर तीनो वन कीओर चल दिए|
व्ही कथा के दौरान रामभद्राचार्य जी ने हिन्दू धर्म के विषय में भी श्रोताओ को समझाया| उन्होंने कहा की हिन्दू धर्म का अपना सिद्धांत सिघनी का दूध यह कोई गधी,सूअरआदि का दूध नही है जिसे जो चाहे प्रयोग कर ले| उन्होंने कहा की हिन्दू धर्म शेरनी का दूध है| उन्होएँ यह भी कहा की राजा शेर ही बनता है गधे या सूअर नही|
इस दौरान अबधेश दीक्षित, अनिल त्रिपाठी, प० गोपाल शर्मा, प्रमोद मिश्रा, उमेश शर्मा, सुरेन्द्र पाण्डेय, राकेश अग्निहोत्री, डॉ राकेश तिवारी, डॉ मनोज मेहरोत्रा, अरुण प्रकाश तिवारी,सत्यव्रत पाण्डेय आदि मौजूद रहे|
[bannergarden id=”8″] [bannergarden id=”11″]